उत्तर प्रदेश में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी अपने पूरे संगठन को नए तरीके से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। वही 2024 के लोक सभा चुनाव के परिणाम के बाद से कांग्रेस उत्तर प्रदेश को लेकर बहुत ज्यादा आशान्वित नजर आ रही है।
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी अपने पूरे संगठन को नए तरीके से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। वही 2024 के लोक सभा चुनाव के परिणाम के बाद से कांग्रेस उत्तर प्रदेश को लेकर बहुत ज्यादा आशान्वित नजर आ रही है।
वही अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत UP की जिम्मेदारी संभाल रहे सभी नेताओं ने ये तय किया है की पार्टी को अगर उत्तर प्रदेश में दोबारा से खड़ा करना है तो पार्टी को मजबूत संगठन की आवश्यकता होगी।
ब्रेकिंग लखनऊ
कांग्रेस जिला अध्यक्ष बनने के लिए देने होंगे 10 सवालों के जवाब
पार्टी अब नए तरीके से तैयार करेगी संगठनात्मक ढांचा
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सर्वाधिक अंक हासिल करने के बाद सियासी पकड़ का आकलन किया जाएगा
इसके बाद जिला अध्यक्ष की होगी ताजपोशी
कांग्रेस की जिला व प्रदेश की कार्यकारिणी इकाई… pic.twitter.com/rUPsi9vlom
— India Voice (@indiavoicenews) January 7, 2025
जिसके लिए पार्टी ने संगठन में जिला अध्यक्षों से लेकर महानगर अध्यक्षों की तैनाती अब नए सिरे से करने की कोशिश में जुट गई है। नई कवायद के तहत उत्तर प्रदेश को प्रियंका गांधी के वक्त से छह जोन में बांटा गया था। उसे कंटीन्यू रखते हुए अब हर जोन में लगभग 10 से लेकर 13 जिले रखे गए हैं। पार्टी हर जिले में एक जिलाध्यक्ष और एक महानगर अध्यक्ष की नियुक्ति नए अंदाज और नई प्रक्रिया के तहत करेगी।
बताया जा रहा है पार्टी के संगठन के विस्तार के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज से अगले छह दिन तक लखनऊ में पार्टी के मुख्यालय पर मौजूद रहेंगे। हर दिन एक जोन में आने वाले जिलों के लोगों को बुलाया गया है। जो भी लोग जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के पद के लिए इच्छुक होंगे उनसे आवेदन माँगे गए हैं। आवेदन करने वाली लोगों को बकायदा इंटरव्यू लिया जाएगा और उनसे लगभग पहले से तैयार 10 सवालों का जवाब मांगा जाएगा।
सवालों के जवाब पार्टी के विषय में जानकारी पार्टी के कार्यक्रमों में शरीक होने के सबूत और आगे की रणनीति समेत तमाम मसलों पर सवाल जवाब होने के बाद ही जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के पदों पर तैनाती की होगी।
इस नई प्रक्रिया को अपनाने के पीछे का मकसद पार्टी के नए जिलाध्यक्ष, शहर अध्यक्ष समेत प्रदेश कार्यकारिणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए सदस्यों को नए सिरे से तैयार करना है।