सोमवार सुबह 6:00 बजे से ही छठ पूजा करने वाले भक्तों की भीड़ घाटों पर उमडऩे लगी। महिलाओं ने उगते सूर्य देव को अर्ध्य देकर विधि-विधान से पूजा की। उगते सूर्य देवता को अर्ध्य देकर छठ पूजा का समापन हुआ। महिलाएं एक-दूसरे की मांग में सिंदूर भरती हैं। लोक आस्था का महापर्व शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरू हुआ था।
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बलौदाबाजार। सोमवार सुबह 6:00 बजे से ही छठ पूजा करने वाले भक्तों की भीड़ घाटों पर उमडऩे लगी। महिलाओं ने उगते सूर्य देव को अर्ध्य देकर विधि-विधान से पूजा की। उगते सूर्य देवता को अर्ध्य देकर छठ पूजा का समापन हुआ।
महिलाएं एक-दूसरे की मांग में सिंदूर भरती हैं। लोक आस्था का महापर्व शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरू हुआ था। शनिवार को खरना में घर में मिठाई व गुड की खीर बनाकर महिलाएं व्रत का प्रारंभ करती हैं। महिलाओं ने 36 घंटे तक निर्जला उपवास रहकर सोमवार सुबह 6:00 बजे से सूर्य देवता को अर्ध्य देकर पूजा-अर्चना की।
छठ पूजा बहुत ही कठिन व्रत है। छठ माई की उपासना विधि विधान के साथ करनी पड़ती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ माई का व्रत संतान प्राप्ति करने, मनोकामना पूर्ण करने, कुशलता एवं सुख समृद्धि एवं पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाता है। महिलाएं इसमें 36 घंटे का निर्जला उपवास रहती हैं।