मणिपुर इस वक्त जल रहा है हर तरफ आग्जनी हो रही है इस मामले पर खुद गृहमंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए है केंद्र से सुरक्षाकर्मी राज्य में भेजे गए है.
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मणिपुर। मणिपुर में हिंसा के चलते राज्य को हाईअलर्ट पर रखा गया है। राज्य के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पांच दिनों तक मोबाइल इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। राज्य के इंफाल, चुराचांजपुर और कांगपोकपी में हिंसा की घटनाएं सबसे ज्यादा देखने को मिलीं। जिसके बाद से इन जिलों को छावनी में तबदील कर दिया गया है। इस हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना की तैनाती की गई है। इसके साथ ही असम राइफल्स को भी मोर्चों पर तैनात किया गया है।
हिंसा और आगजनी को देखते हुए सेना ने फ्लैग मार्च भी किया है। राज्य में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। जिसको देखते हुए तकरीबन चार हजार लोगों को सेना के शिविर और सरकारी परिसर में सुरक्षित भेज दिया गया है। इस बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए मशहूर खिलाड़ी मैरीकॉम ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने इसके साथ आगजनी की तस्वीर भी साझा की है। उन्होंने एम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की अपील की है।
क्या है पूरा मामला
पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर पूरा मामला है क्या। दरअसल यह पूरा विवाद मैतेई समुदाय से जुड़ा हुआ है। यहां पर मैतेई समुदाय को एसटी की लिस्ट में शामिल करने की मांग को लेकर एक रैली निकाली गई। इस रैली का नेतृत्व ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने किया था। रैली में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हो गए।
यह रैली चुराचांदपुर तक पहुंची और यहीं से हिंसा की आग भड़क उठी। इसी जगह तोरबंग में आदिवासियों और गैरआदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। इस हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस हिंसा के चलते कई लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया। चारों तरफ अफरातफरी मच गई। इस बीच हिंसा को देखते हुए पुलिस का भी बयान आया। उनका कहना है कि हालात के बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर इंफाल पश्चिम, जिरिबाम, थौबल, काकचिंग बिष्णुपुर और आदिवासी बालुल्य इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
आखिर क्या है मैतेई समुदाय?
जानकारी दे दें कि मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी हिस्सों वाले जिलों में रहते हैं। लंबे वक्त से यह जाति खुद को अनुसूचित जनजाति यानी कि एसटी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि इस समुदाय में ज्यादातर हिंदू है जो आदिवासी परंपराओं का पालन करते है. समुदाय दावा करते है कि म्यांमार और बांग्लादेश में बड़े स्केल में अवैध अप्रवासन बढ़ रहा है और इसका असर उनपर ही पड़ रहा है. और यह पहली बार नहीं है कई बार एटीएसयू ने इस समुदाय को एसटी की लिस्ट में शामिल करने की मांग के विरोध करते हुए रैली का आयोजन किया गया था फिलहाल जवानों की तैनाती कर दी गईं है।