दो हजार के बैंक मुद्रा को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को बैंकों को जारी करने से मना किया है।
Updated Date
नई दिल्ली। दो हजार के बैंक मुद्रा को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को बैंकों को जारी करने से मना किया है। इस फैसले से माना जा रहा है कि बैंकों के पास जमा पूंजी बढ़ने की उम्मीद है और ब्याज दर में कमी आने की संभावना जताई जा रही है।
अभी तक भारत की करेंसी का सबसे बड़ा नोट 2000 रुपये है, जिसे 2016 में पेश किया गया था। नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के बाद इसे जारी किया गया था। इसके साथ ही 200, 50, 10, 20 और 500 के नोट भी जारी किए गए थे। अब जब इन नोटों की उपलब्धता ज्यादा हो गई है तो सरकार 2000 के नोट को बाजार से हटाने का फैसला किया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, दो हजार के बैंक नोटों को वापस लेने से जमा की ब्याज दर में इजाफा में आसानी होगी।
बैंकों में जमा राशि के प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि बैंकों की जमा में मामूली सुधार हो सकता है। इससे डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी पर दबाव कम होगा। इस कारण कम टेन्योर के ब्याज में भी कमी आ सकती है। 5 मई 2023 तक बैंक बकाया कुल जमा राशि 184.35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2023 में जमा बढ़ोतरी दर 9.7 फीसदी सुधरकर 10.4 फीसदी हो चुका है। माना जा रहा है कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेने से बैंकों में जमा राशि के प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद है।