छत्तीसगढ़ के लिए गोधन न्याय योजना वरदान साबित हुई है। इसने सूबे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही पूरे देश के लिए एक नायाब मिसाल कायम की है।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए गोधन न्याय योजना वरदान साबित हुई है। इसने सूबे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही पूरे देश के लिए एक नायाब मिसाल कायम की है।
इसी योजना के तहत छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने गांव गांव में गौठानों की स्थापना की। सरकार ने इसके लिए प्रदेश भर में 1 लाख एकड़ से भी अधिक जमीन को संरक्षित किया। पूरे राज्य ने 9 हजार 631 गौठानों का संचालन शुरू किया। वहीं 11 हजार 288 गौठानों की स्वीकृति दी गई।
बीजेपी इस पूरी योजना पर ही सवाल खड़े कर रही
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूबे के 4 हजार 10 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी बन चुके हैं। यही नहीं सरकार ने इन गौठानों के मध्यम से गोबर, गोमूत्र की खरीदी भी शुरू की है। और इनसे जैविक खाद और कीटनाशक बनाए जा रहे हैं। वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी ने इस पूरी योजना पर सवाल खड़े कर रही है।
यही वजह है कि चुनावी वर्ष में बीजेपी ने इस योजना की पोल खोलने का फैसला लिया है। बीजेपी ने अभियान छेड़ दिया है। अभियान का नाम है ‘चलबो गौठान, खोलबो पोल’ दिया है। उधर, अभियान के जवाब में युवा कांग्रेस ने भी अभियान छेड़ने का फैसला लिया है। युवा कांग्रेसी गौठान सेवा पखवाड़ा चलाएंगे। इस सेवा पखवाड़ा का नाम ‘मेरा गौठान-मेरा अभिमान’ है।