महाराष्ट्र में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के जरिए मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने इसे संविधान विरोधी कदम बताते हुए संसद और जनता के बीच बड़ा मुद्दा बनाने की अपील की।
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महाराष्ट्र में आयोजित एक सभा में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया। ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है, जो सीधे तौर पर भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
ओवैसी ने मंच से कहा कि, “वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की धार्मिक विरासत हैं, जिनकी सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है, न कि उन्हें खत्म करने का प्रयास करना।” उन्होंने इस संशोधन को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर एक गंभीर हमला बताया और इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ करार दिया, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदायों की संस्थाओं पर नियंत्रण स्थापित करने के इरादे से ऐसे कानून ला रही है। उन्होंने कहा, “यह केवल वक्फ की संपत्तियों को हड़पने की साजिश नहीं है, बल्कि धर्मनिरपेक्ष भारत की आत्मा पर हमला है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीति को कानूनी रूप देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी संसद के अंदर और बाहर इस विधेयक के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।
अपने संबोधन में ओवैसी ने वक्फ संपत्तियों के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि ये संपत्तियां न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की सहायता के लिए भी महत्वपूर्ण रही हैं। “अगर सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना शुरू कर देगी तो इससे हजारों स्कूल, मदरसे, अस्पताल और अनाथालय प्रभावित होंगे,” ओवैसी ने कहा।
असदुद्दीन ओवैसी ने सभा के माध्यम से देशभर के मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का सवाल है।” उन्होंने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का आह्वान भी किया।
ओवैसी के इस आक्रामक रुख का असर महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में देखने को मिल रहा है, जहां वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे पहले से ही गरमाए हुए हैं। विपक्षी दलों ने भी इस विधेयक को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में वक्फ संशोधन विधेयक भारतीय राजनीति में एक बड़ा बहस का विषय बन सकता है।