मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब भाजपा नेता विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इस पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं पर लगे आरोपों को दबाया जाता है, लेकिन विपक्ष के नेताओं को टारगेट किया जाता है।
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मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर गर्मी आ गई है। मामला है भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने का, जिस पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पटवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए अब राजनीतिक विरोधियों को कानूनी हथियारों से डराने का प्रयास कर रही है।
जीतू पटवारी ने कहा, “यह FIR नहीं, एक राजनीतिक हथियार है। जब सत्ताधारी पार्टी के नेता जनता को जवाब देने की स्थिति में नहीं होते, तब वे इस तरह के कदम उठाते हैं। विजय शाह के खिलाफ अगर सच में कोई ठोस सबूत होते, तो सरकार को जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में दोहरी नीति अपनाई जा रही है। जहां भाजपा के नेताओं पर लगे आरोपों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, वहीं कांग्रेस और विपक्षी नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
FIR में लगाए गए आरोपों को लेकर भी जीतू पटवारी ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई चुनावों के मद्देनज़र की गई है ताकि विपक्षी नेताओं को बदनाम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर किसी के खिलाफ आरोप हैं, तो न्यायिक प्रक्रिया के तहत निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, न कि केवल मीडिया ट्रायल और छवि धूमिल करने का प्रयास।”
पटवारी ने यह भी जोड़ा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र को दबाने की कोशिश कर रही है और राज्य की संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और सड़कों से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठाएगी।
जीतू पटवारी ने यह भी कहा कि इस समय राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और किसान संकट जैसे गंभीर मुद्दे हैं, जिनसे सरकार का ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार की FIR का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ईमानदार होती तो अपने नेताओं पर भी कार्रवाई करती, लेकिन ऐसा कभी देखने को नहीं मिलता।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने कानून का दुरुपयोग किया है। पूर्व में भी कांग्रेस नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की गई है, लेकिन जनता सब जानती है और आने वाले समय में इसका जवाब देगी।
पटवारी ने सरकार से मांग की कि विजय शाह पर दर्ज FIR की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और अगर वह दोषी हैं तो कानून के अनुसार सजा मिले, लेकिन जांच में पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को दबाने के लिए पुलिस और प्रशासन का प्रयोग करना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
उन्होंने अंत में कहा, “यह लड़ाई केवल एक नेता की नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। अगर आज हम चुप रहे, तो कल हर किसी की आवाज दबा दी जाएगी।”