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“Uttarkashi: सिलक्यारा टनल रेस्क्यू में बड़ी सफलता, राहत कार्य में आई तेज़ी”

उत्तराखंड के Uttarkashi जिले में सिलक्यारा टनल में राहत और बचाव अभियान को बड़ी सफलता मिली है। टनल में फंसे मजदूरों तक राहत सामग्री पहुँचाई जा चुकी है और बाहर निकालने की प्रक्रिया भी तेज़ कर दी गई है। प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मिलकर लगातार मिशन को अंजाम दे रही हैं। इस सफलता ने पूरे देश को उम्मीद की नई किरण दी है।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

Uttarkashi की सिलक्यारा टनल में बड़ी सफलता, राहत अभियान में आई तेजी

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उत्तराखंड के Uttarkashi जिले में स्थित सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में फंसे मजदूरों को लेकर चल रहा राहत और बचाव कार्य अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। बीते कई दिनों से सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चल रहा अभियान अब सफलता की ओर बढ़ रहा है। सुरंग के भीतर राहत सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ अब उन्हें बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक सुरंग खोदने का काम तेज़ी से किया जा रहा है।

यह टनल निर्माण के दौरान हुई अचानक धंसान के कारण बंद हो गई थी, जिसमें कई मजदूर अंदर ही फंस गए थे। शुरुआत में संपर्क साधना मुश्किल हो रहा था, लेकिन आधुनिक उपकरणों और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से अब राहत कार्य को काफी गति मिली है।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भूमिका अहम
टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं। आधुनिक मशीनों से सुरंग में बोरिंग और ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है ताकि वैकल्पिक रास्ता तैयार किया जा सके। सुरंग के भीतर ऑक्सीजन पाइपलाइन, कैमरा और संचार उपकरण भी पहुंचाए जा चुके हैं, जिससे मजदूरों की स्थिति पर नजर रखी जा सके।

राहत सामग्री पहुंचाना बना टर्निंग पॉइंट
सुरंग में फंसे मजदूरों तक खाने-पीने की वस्तुएं, दवाइयां और पानी पहुंचाना इस रेस्क्यू ऑपरेशन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इससे उनका मनोबल बढ़ा है और बाहर मौजूद परिवारों को भी आश्वासन मिला है कि अब बचाव की उम्मीद और मजबूत हो चुकी है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार मजदूरों की मानसिक स्थिति पर भी नजर रख रही है।

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मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार की निगरानी में अभियान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं राहत अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से भी विशेष तकनीकी और इंजीनियरिंग टीमों को सहायता के लिए भेजा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार स्थिति पर अपडेट लिया जा रहा है। राज्य सरकार ने घटनास्थल पर हेल्पलाइन और सूचना केंद्र भी स्थापित किए हैं जिससे परिवारों को समय-समय पर जानकारी मिलती रहे।

स्थानीय लोगों का समर्थन और उम्मीद
टनल के बाहर स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ लगातार मौजूद है, जो हर गुजरते पल के साथ प्रार्थनाएं कर रही है। कई स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों ने राहत टीमों को भोजन, पानी और जरूरत का सामान उपलब्ध करवाया है। यह अभियान अब सिर्फ एक सरकारी प्रयास नहीं रहा, बल्कि पूरे समाज का साझा संकल्प बन चुका है।

मीडिया की भूमिका और सोशल मीडिया अपडेट
इस पूरी घटना ने देश भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। टीवी चैनलों, डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए लोग हर पल की जानकारी ले रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हैशटैग #SilkyaraTunnelRescue, #UttarkashiUpdate, और #TunnelRescueMission ट्रेंड कर रहे हैं।

आगे की रणनीति और चुनौती
बचाव कार्य के विशेषज्ञों के अनुसार, टनल से बाहर निकालने की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील है। एक छोटी सी चूक पूरे अभियान को प्रभावित कर सकती है। इसलिए काम बहुत सावधानी और तकनीकी विश्लेषण के साथ किया जा रहा है। टीम का लक्ष्य है कि मजदूरों को सुरक्षित, बिना किसी चोट के बाहर निकाला जाए।

देशभर से मिल रही दुआएं
देशभर से मजदूरों की सलामती के लिए दुआएं की जा रही हैं। कई राज्यों में विशेष प्रार्थना सभाएं की जा रही हैं। यह संकट की घड़ी एकता और सहयोग का प्रतीक बन चुकी है। सभी की निगाहें Uttarkashi की ओर टिकी हैं और उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर होंगे।

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