निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे बागी उम्मीदवारों ने सत्ताधारी दल भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तरकाशी टिहरी बड़कोट चमोली पूरी समेत कई निकायों में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मुसीबत बढ़ गई है क्योंकि यहां पर पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशी के सामने बाकी उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
Updated Date
देहरादून। निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे बागी उम्मीदवारों ने सत्ताधारी दल भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तरकाशी टिहरी बड़कोट चमोली पूरी समेत कई निकायों में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मुसीबत बढ़ गई है क्योंकि यहां पर पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशी के सामने बाकी उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रदेश की 100 निकायों में इन दिनों चुनाव घमासान चल रहा है जिसमें मेयर और अध्यक्ष के 100 पद के लिए 514 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हुए है। वहीं सभासद और सदस्य के लिए 4885 उम्मीदवार जोर आजमाइश में जुटे हुए है। निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने नामांकन समाप्त होने के बाद बागी प्रत्याशियों को मनाने के लिए पार्टी नेताओं की जिम्मेदारी तय की थी, लेकिन उसमें भी पूरी सफलता राजनीतिक दलों को नहीं मिल पाई है।
भाजपा में डैमेज कंट्रोल के लिए सांसद मंत्री और विधायकों को मैदान में उतारा था साथ ही ब्रह्मास्त्र के तौर पर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी जुटे हुए थे लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी पार्टी को उत्तरकाशी टिहरी चमोली पौड़ी जैसे जनपदों में बागियों को मनाने में पूरी सफलता नहीं मिल पाई है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां दी थी लेकिन पार्टी के सामने धर्म संकट इस बात का खड़ा हुआ की पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के नामांकन चाहे मंगलौर नगर पालिका के प्रत्याशी हो या हरपटपुर नगर पालिका के प्रत्याशी हो दोनों के नामांकन निरस्त हो चुके हैं ऐसे में पार्टी अब असमंजस की स्थिति में है कि चुनाव को लेकर क्या निर्णय लिया जाए।