तो सुना आपने बागी सुधर जाओ वरना पार्टी बख्शने के मूड में नहीं है । तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दो टूक समझा दिया कि हटे नहीं तो पार्टी से हटा दिए जाओगे। जी निकाय चुनाव में नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा के 20 से ज्यादा नेताओं ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन कराया है । जबकि कांग्रेस में यह संख्या 25 से 30 बताई जा रही है।
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देहरादून। तो सुना आपने बागी सुधर जाओ वरना पार्टी बख्शने के मूड में नहीं है । तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दो टूक समझा दिया कि हटे नहीं तो पार्टी से हटा दिए जाओगे। जी निकाय चुनाव में नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा के 20 से ज्यादा नेताओं ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन कराया है । जबकि कांग्रेस में यह संख्या 25 से 30 बताई जा रही है।
इन सभी बागी नेताओं को मैनेज करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेता जुटे हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक नाम वापस लेने वालों की संख्या बहुत कम है, जो सियासी दलों के लिए अब चिंता का सबब बन गया है । कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अब ऐसे नेताओं को अल्टीमेटम देना शुरू कर दिया है कि अगर पार्टी हित में नाम वापस नहीं लेते हैं तो फिर पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
भाजपा में डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी विधायक और सांसदों को दी गई है। ताकि समय रहते हुए बागियों के साथ मानमनौबल किया जा सके और पार्टी परेशानियों को कम कर चुनाव में जुटा जा सके।
इसके वाला अब बीजेपी में कुछ ऐसे नेता भी पार्टी और सरकार के चक्कर काटते हुए नजर आ रहे है जो पूर्व ने ही निष्कासित हो चुके है और दोबारा घरवापसी की कोशिश कर रहे है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन करने वाले नेताओं को अल्टीमेटम दिया है कि अगर आज शाम तक नाम वापस नहीं लेते हैं तो फिर उन्हें पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा में संभाली हुई है ताकि वक्त से पहले नेताओं को मना लिया जाए मगर कांग्रेस में ज्यादा कोहराम मचा हुआ है ।
मगर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी की माने तो बाकी नेताओं को मनाने का प्रयास किया जा रहा है और उसमें अभी तक कुछ सफलताएं भी मिली है लेकिन अगर फिर भी नेता नाम वापस नहीं लेते हैं तो पार्टी अनुशासन का डंडा चलाएगी। वैसे तो मथुरा दत्त जोशी खुद ही टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे जिन्हें देर शाम मना लिया गया था ।
निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से खाप नेता जहां बगावत का चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं तो वहीं राजनीतिक दल फिलहाल सियासी आपदा प्रबंधन में जुटे हुए हैं भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ने अपने भाग्य नेताओं को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर समय रहते हुए नाम वापस ना हुई तो फिर पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।