यूपी में सीएम योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के बारे में वहीं के स्थानीय लोगों को जानकारी नहीं हो पाती थी।
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लखनऊ। यूपी में सीएम योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों के बारे में वहीं के स्थानीय लोगों को जानकारी नहीं हो पाती थी।
नतीजा यह होता था कि कौन शिक्षक आ रहा है और कौन जा रहा है, इसका पता हा नहीं लग पाता था। इसी को देखते हुए अब प्रदेश के सभी परिषदीय उच्च प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ‘हमारे शिक्षक’ के नाम से बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे निर्देश में स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे तीन दिनों के भीतर यह बोर्ड विद्यालयों में हर हाल में लगा लें।
इस बोर्ड में विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के फोटोग्राफ, शैक्षिक योग्यता, प्रशिक्षण योग्यता, विद्यालय में तैनाती की तिथि, मानव सम्पदा आईडी का विवरण देना होगा।
स्कूलों के बाहर लगेगा ‘हमारे शिक्षक‘ का बोर्ड
विद्यालयों के बाहर अपने जिले के बारे में भी ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड लगाए जाने संबंधी पूरा विवरण महानिदेशालय को भेजना होगा। इसमें विद्यालयों के प्रकार मसलन प्राथमिक उच्च प्राथमिक कम्पोजिट या कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की जानकारी के साथ-साथ विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की संख्या ‘हमारे शिक्षक’ के शीर्षक का बोर्ड लगाने वाले विद्यालयों की संख्या, हमारे शिक्षक बोर्ड में प्रदर्शित शिक्षकों की संख्या के अलावा इसके बारे में टिप्पणी देने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। महानिदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी एक प्रारूप भेज कर उस पर भी इस बोर्ड से संबंधित जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी बीएसए से कहा गया है