उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में राज्य की राजस्व नीति, कर चोरी की रोकथाम, और डिजिटल टैक्स कलेक्शन सिस्टम को मजबूत करने पर विशेष चर्चा हुई। सीएम योगी ने अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करने के निर्देश दिए।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रह में पारदर्शिता लाना, कर चोरी को रोकना, और डिजिटल टैक्स कलेक्शन को और सुदृढ़ बनाना रहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार की मंशा हर उस गतिविधि पर निगरानी रखने की है, जो प्रदेश के विकास के मार्ग में बाधा बन रही है।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार टेक्नोलॉजी आधारित टैक्स प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, जिससे टैक्स कलेक्शन प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध बन सके। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को कर नीति की जानकारी दें और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्राथमिकता पर रखें।
मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले महीनों में GST अनुपालन को सख्ती से लागू किया जाएगा और जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों में टैक्स चोरी की संभावना है, उनके खिलाफ सर्वे और छापेमारी की कार्रवाई तेज होगी। बैठक के दौरान AI और डेटा एनालिटिक्स के उपयोग से कर संग्रह में सुधार लाने की दिशा में प्रस्तुति भी दी गई।
सीएम योगी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ई-गवर्नेंस के तहत सभी टैक्स सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत कर रही है, जिससे आम जनता को बेहतर सेवा मिल सके। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, टैक्स रिटर्न फाइलिंग, और ई-चालान जैसी सेवाओं में सुधार कर आमजन की भागीदारी को भी बढ़ाया जाए।
राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि बीते साल की तुलना में इस वर्ष कर संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और आगामी वित्तीय वर्ष में इसे और बेहतर करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया कि सरकार कर चोरी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि “राज्य की जनता के पैसे का दुरुपयोग किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं होगा।” इसके साथ ही कर विभाग को निर्देश दिए गए कि वे फील्ड विजिट और निरीक्षण में तेजी लाएं और वास्तविक आंकड़ों के आधार पर कार्रवाई करें।
बैठक के अंत में सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि वे जनसेवा की भावना के साथ कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यापारी या नागरिक भ्रष्टाचार या उत्पीड़न का शिकार न हो।