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केंद्रीय मंत्री ने पर्यावरणीय क्षति पर जताई चिंता, कहा- संसाधनों की बर्बादी से पृथ्वी को नुकसान, विश्व को जीवनशैली पर विचार करने की जरूरत

वैश्विक पर्यावरणीय क्षति के लिए ग्लोबल साउथ जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह नुकसान उन विकसित देशों के कारण हुआ है, जिन्होंने कम लागत वाली ऊर्जा का लाभ उठाया। संसाधनों की बर्बादी से पृथ्वी को नुकसान पहुंच रहा है। विश्व को जीवनशैली पर विचार करने की जरूरत है। यह बातें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही।

By HO BUREAU 

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Written & Edited By Sanjay Kumar Srivastava

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नई दिल्ली। वैश्विक पर्यावरणीय क्षति के लिए ग्लोबल साउथ जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह नुकसान उन विकसित देशों के कारण हुआ है, जिन्होंने कम लागत वाली ऊर्जा का लाभ उठाया। संसाधनों की बर्बादी से पृथ्वी को नुकसान पहुंच रहा है। विश्व को जीवनशैली पर विचार करने की जरूरत है। यह बातें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही।

श्री गोयल सोमवार (2 दिसंबर) को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भागीदारी शिखर सम्मेलन- 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। शिखर सम्मेलन में इतालवी गणराज्य , इज़राइल , भूटान , बहरीन , अल्जीरिया , नेपाल , सेनेगल , दक्षिण अफ्रीका, म्यांमार, कतर के व्यापार मंत्री और कंबोडिया साम्राज्य के वाणिज्य मंत्रालय के राज्य सचिव शामिल थे।

श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्यावरण और स्थिरता के प्रति प्रत्येक भागीदार देश की साझा जिम्मेदारियां हैं, लेकिन शिखर सम्मेलन में उपस्थित देश पर्यावरण को होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर काम करना होगा, लेकिन पर्यावरण समस्या में उनके योगदान के आधार पर सभी को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन का रोजगार के भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी जीवन को बदल देगी और आजीविका की प्रकृति को भी बदल देगी, लेकिन परंपरा और संस्कृति को भी समान रूप से बनाए रखना होगा। इसलिए इसमें एक तरफ परंपरा व विरासत और दूसरी तरफ प्रौद्योगिकी का मिश्रण होना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि भारत उच्च आकांक्षाओं वाले युवाओं के एक बड़े समूह के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें शिक्षा और कौशल के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे व्यापार करने में आसानी होगी और जीवन जीने में भी आसानी होगी।

श्री गोयल ने कहा कि संसाधन की बर्बादी दुनिया को रहने के लिए बेहतर जगह नहीं बनने दे रही है। इसलिए दुनिया को जीवनशैली और अर्थव्यवस्था पर विचार करना होगा।  उन्होंने कहा कि एक अच्छी जीवनशैली के लक्ष्य को पाने की कोशिश करते हुए हमें कचरे और कार्बन फुटप्रिंट के बारे में सचेत रहना होगा। मंत्री ने कहा कि मौजूदा पर्यावरणीय चुनौती सिर्फ विनिर्माण के माध्यम से उत्सर्जित कार्बन का कार्य नहीं है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने वैश्विक व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने पर दिया जोर

मंत्री ने विकास और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए भागीदार देशों के बीच वैश्विक व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बात की। उन्होंने ऊर्जा पर भी जोर दिया, जो दुनिया में आर्थिक विकास का चालक और सबसे बड़ा योगदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा ही भविष्य का निर्धारण करेगी।

शिखर सम्मेलन में श्री गोयल ने कहा कि भागीदार देशों के बीच बेहतर तालमेल से दुनिया को एकता का संदेश मिल सकता है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने शांति और समृद्धि के लिए भागीदार देशों को एक-दूसरे के हितों को संरेखित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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