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हरियाणाः साक्षर अभियान के तहत शिक्षा विभाग पढ़ाएगा असाक्षरों को क-ख-ग का पाठ, 15 वर्ष या इससे अधिक आयु के 34642 निरक्षरों को साक्षर बनाने का रखा लक्ष्य  

15 वर्ष या इससे अधिक आयु के निरक्षरों को शिक्षा विभाग साक्षर करने की कवायद में जुट गया है। विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 34642 निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शिक्षा निदेशालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि उल्लास कार्यक्रम के तहत योजना को सिरे चढ़ाया जाए।

By HO BUREAU 

Updated Date

सोनीपत।15 वर्ष या इससे अधिक आयु के निरक्षरों को शिक्षा विभाग साक्षर करने की कवायद में जुट गया है। विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 34642 निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शिक्षा निदेशालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि उल्लास कार्यक्रम के तहत योजना को सिरे चढ़ाया जाए।

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केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी नवभारत साक्षरता कार्यक्रम उल्लास के तहत 15 वर्ष या इससे अधिक आयु के निरक्षरों को चिन्हित कर बुनियादी साक्षरता, जिसके अंतर्गत पढऩा, लिखना और संख्या ज्ञान प्रदान करना लक्ष्य निर्धारित किया है। यही नही साक्षर होने पर प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है। 2022 से 2027 तक निरक्षरों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत हालांकि अब तक हरियाणा में एक भी मूल्यांकन परीक्षा आयोजित नही हो पाई है।

ऐसे में अब शिक्षा निदेशालय ने अभियान को तेज करने का फैसला किया है। मौजूदा समय में राजकीय स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रवेश उत्सव चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत डोर टू डोर पहुंचकर अभिभावकों को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने के लिए पे्ररित किया जा रहा है। अब इसी अभियान के तहत उल्लास सर्वेक्षण अभियान को भी अटैच किया जाएगा। बच्चों के दाखिले के साथ-साथ इस बात पर भी फोकस किया जाएगा कि संबंधित घर में 15 साल या इससे अधिक आयु का निरक्षर तो नही है।

ऐसे किशोर, युवा का 20 अप्रैल तक उल्लास मोबाइल एप पर पंजीकरण और टैग कर शिक्षण अधिगम प्रारम्भ करना होगा। सितम्बर 2024 में अभियान के तहत मूल्याकंन परीक्षा आयोजित की जा सकती है। इससे पहले लाभार्थियों को लेकर कम से कम 200 घंटे की शिक्षण अधिगम प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूली बच्चों की विशेष भूमिका रहेगी। शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार स्कूल में सुबह प्रार्थना के समय में विद्यार्थियों को अपने आसपास के चार-पांच घरों में रहने वाले निरक्षरों की जानकारी स्कूल अध्यापकों के साथ सांझा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कक्षा छठी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों को इस योजना के तहत स्वयंसेवी साक्षरता कर्मी की भूमिका दी जाएगी। इसी तरह से कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थी स्वयंसेवी अक्षर सैनिक की भूमिका निभाएंगे।

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