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भविष्य का परिवहन: पेट्रोल और डीजल इतिहास बनेंगे, और इलेक्ट्रिक वाहन हो जाएंगे ख़त्म:

परिवहन क्षेत्र में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और हाइड्रोजन-फ्यूल सेल वाहन (FCEV) भविष्य की सड़कों पर राज करेंगे

By HO BUREAU 

Updated Date

Transport of the future: आने वाले 10 से 15 सालों में, जिस तरह से ईवी वाहनों का बाजार में आना दिखा, उसी तरह यह भी खत्म हो जाएगा। जो इलेक्ट्रिक हम प्रोड्यूस करते हैं और उसे इकोफ्रेंडली कहते हैं, उसकी प्रोडक्शन में ही इतनी एनर्जी लग जाती है कि उसे ग्रीन एनर्जी कहना बहुत ही गलत है। और इसके अलावे, नए इन्वेंशन्स जैसे हाइड्रोजन फ्यूल एनर्जी वेहिकल्स हैं। दुनिया उन्हीं पर चलेगी और बाकी सारी फॉसिल फ्यूल कारें धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी।

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आज के समय में जब पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ रही है, परिवहन क्षेत्र में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। आने वाले 15-20 वर्षों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियाँ धीरे-धीरे खत्म हो जाएँगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और हाइड्रोजन-फ्यूल सेल वाहन (FCEV) भविष्य की सड़कों पर राज करेंगे। यह लेख दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान की विस्तृत तुलना करेगा।

पेट्रोल और डीजल वाहनों का परिदृश्य

आज भी पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन दुनियाभर में उपयोग किए जाते हैं। इनके व्यापक नेटवर्क और उपलब्धता के कारण इनका वर्चस्व है। लेकिन, इनका सबसे बड़ा नुकसान पर्यावरण प्रदूषण और आयात निर्भरता है। दुनिया का 70% प्रदूषण इन वाहनों के कारण होता है, जिससे कई देश इन्हें प्रतिबंधित करने की योजना बना रहे हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV): एक नई क्रांति

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फायदे:

  1. पर्यावरण अनुकूल: EV गाड़ियाँ पेट्रोल और डीजल की तुलना में 60% कम प्रदूषण करती हैं।
  2. कम खर्च: इनकी परिचालन लागत पारंपरिक वाहनों की तुलना में काफी कम होती है।
  3. ग्लोबल सपोर्ट: अमेरिका, यूरोप और चीन ने EV को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और टैक्स लाभ दिए हैं।
  4. तेजी से बढ़ता बाजार: 2023 में वैश्विक EV बिक्री 14 मिलियन यूनिट तक पहुंची, जो 2022 की तुलना में 35% अधिक थी। चीन दुनिया का सबसे बड़ा EV बाजार है, जिसमें लगभग 60% वैश्विक EV बिक्री होती है।

चुनौतियाँ:

  1. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी: लंबी यात्रा के दौरान चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है।
  2. बैटरी की लागत और आपूर्ति: लिथियम जैसी बैटरियों की लागत और सीमित उपलब्धता एक चुनौती है।
  3. चार्जिंग समय: EV चार्ज होने में समय लेती हैं, जो पारंपरिक ईंधन भरने की तुलना में धीमी प्रक्रिया है।

Transport of the future: Petrol and diesel will become history, and electric vehicles will be eliminated

हाइड्रोजन वाहन (FCEV): अगला कदम?

टोयोटा, हुंडई और BMW जैसी कंपनियाँ हाइड्रोजन वाहनों पर निवेश कर रही हैं। कई सरकारें और ऑटोमोबाइल कंपनियाँ भी इस तकनीक के विकास में भागीदारी कर रही हैं।

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फायदे:

  1. अल्ट्रा-क्लीन टेक्नोलॉजी: हाइड्रोजन वाहन केवल जल वाष्प छोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण शून्य होता है।
  2. तेजी से ईंधन भरना: EV की तुलना में हाइड्रोजन वाहन 3-4 मिनट में पूरी तरह से रिफ्यूल हो सकते हैं।
  3. हाई-रेंज कैपेसिटी: भारी ट्रांसपोर्टेशन के लिए EV की तुलना में हाइड्रोजन वाहन अधिक उपयुक्त हैं।
  4. औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग: ट्रक, बसें और लंबी दूरी की लॉजिस्टिक्स में हाइड्रोजन वाहन अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं।
  5. बढ़ता निवेश: यूरोपीय संघ और जापान ने हाइड्रोजन ऊर्जा में अरबों डॉलर का निवेश किया है। 2030 तक वैश्विक हाइड्रोजन बाजार $500 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है।

चुनौतियाँ:

  1. हाइड्रोजन उत्पादन की उच्च लागत: इसे तैयार करने और स्टोर करने में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  2. सीमित इंफ्रास्ट्रक्चर: वर्तमान में दुनिया में मात्र 1000 हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन हैं।
  3. टेक्नोलॉजी एडॉप्शन: अभी बहुत कम कंपनियाँ इस तकनीक में निवेश कर रही हैं, जिससे इसका विकास धीमा हो सकता है।
  4. ऊर्जा कुशलता: वर्तमान में हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के दौरान ऊर्जा हानि अधिक होती है, जिससे इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होती है।

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भविष्य की रणनीति और निष्कर्ष

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2035 तक, दुनिया की अधिकांश सरकारें पारंपरिक ईंधनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना बना रही हैं। हाइड्रोजन विशेष रूप से भारी परिवहन क्षेत्र में उपयोगी हो सकता है, जबकि EV छोटे और निजी वाहनों के लिए अधिक उपयुक्त हैं।

व्यवसाय और नौकरियों के संदर्भ में, फॉसिल फ्यूल इंडस्ट्री से जुड़े लोग पहले से ही EV और हाइड्रोजन इंडस्ट्री की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। जो लोग इस सेक्टर में काम कर रहे हैं, उन्हें भविष्य के लिए नई स्किल्स और तकनीकों को अपनाना आवश्यक होगा।

अगर हम हाइड्रोजन वाहनों में अनुसंधान और विकास की बात करें, तो प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियाँ इसके लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं। टोयोटा की ‘Mirai’, हुंडई की ‘Nexo’ और BMW की ‘iX5 Hydrogen’ जैसी गाड़ियाँ पहले से ही बाजार में उपलब्ध हैं। अमेरिका, जापान और जर्मनी इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं।

यदि आप नए बिजनेस आइडिया की तलाश में हैं, तो EV चार्जिंग स्टेशन, बैटरी निर्माण, हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में निवेश करना एक लाभदायक निर्णय हो सकता है।

आपका अगला कदम? यदि आप अपनी व्यवसायिक रणनीति को EV या हाइड्रोजन इंडस्ट्री की ओर शिफ्ट करना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू करें। यह बदलाव केवल तकनीक ही नहीं, बल्कि आपकी आजीविका और पर्यावरण दोनों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है।

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