देश में सोमवार से तीन नए कानून लागू हो गए हैं। एफआईआर दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक की समय सीमा तय हो गई है। आज से भारत आपराधिक न्याय के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहे हैं।
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देहरादून। देश में सोमवार से तीन नए कानून लागू हो गए हैं। एफआईआर दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक की समय सीमा तय हो गई है। आज से भारत आपराधिक न्याय के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहे हैं।
नए कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पर तारीख के दिन लद जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अफसरों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए उत्तराखंड में तैयारी की जानकारी ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य सरकार इन तीन नए कानून को लागू करने की पहले से ही तैयारी कर चुकी थी।
इस संबंध में 20 करोड रुपए के बजट का पूर्व में ही प्रावधान किया जा चुका है। अब लोगों को सरल व आसान तरीके से न्याय मिल सकेगा। अंग्रेजों के काले कानून से देश को निजात मिल गई है। केंद्र सरकार और गृहमंत्री को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई भी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नए कानून से व्यवस्था और दुरुस्त होगी।
आम जन को सुलभ तरीके से न्याय मिल सकेगा। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्रभारी पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव गृह दिलीप जावलकर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत पुलिस के कई सीनियर ऑफिसर्स मौजूद थे । उत्तराखंड में लागू होने वाले तीन नए कानून पर बोलते हुए प्रभारी पुलिस महानिदेशक ने कहा कि असल में नए कानून लागू होना एक आजादी जैसा है।