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राजस्थान का ये सबसे ऊंचा मतदान केंद्र, 18 किमी पैदल चलकर पहुंचेगा मतदान दल

माउंट आबू : राजस्थान के सिरोही जिले में लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान की प्रक्रिया 26 अप्रैल को आरंभ होगी। इस तैयारी के लिए, जिले के सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सिरोही जिला मुख्यालय में स्थित नवीन भवन स्कूल में, गुरुवार को मतदान दलों को अंतिम प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें मतदान की प्रक्रिया के लिए तैयार किया गया है। यह तैयारी जनमत संग्रह की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए की गई है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मौलिक स्तंभ है।

By Rajasthan Bureau@indiavoice.co.in 

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माउंट आबू : जिले में कुल 764 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें लोग मतदान करने के लिए उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही, 76 सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम भी गठित की गई है, जो मतदान प्रक्रिया के निर्देशन और प्रबंधन में संलग्न है। इसके अलावा, रेवदर विधानसभा का प्रशिक्षण भी समाप्त हो गया है, जिसमें कुल 266 मतदान दल और 25 सेक्टर में स्थित नियुक्त किया गया है। यह सभी तैयारियाँ उम्मीदवारों और नागरिकों को विश्वास दिलाने के लिए की गई हैं कि मतदान प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष रहेगी।

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माउंट आबू के विधानसभा क्षेत्र पिंडवाड़ा में सबसे ऊँचे मतदान केंद्र शेरगांव और उतरज हैं। इन केंद्रों को रेवदर विधानसभा क्षेत्र के साथ प्रशिक्षण दिया गया और मतदान दलों को सबसे पहले रवाना किया गया है। ये केंद्र प्रदेश के सबसे ऊँचे शहर माउंट आबू में स्थित हैं, और उनकी ऊँचाई 4961 फीट है। यहाँ से मतदान दल शेरगांव और उतरज के मतदान केंद्र पर पहुँचेंगे। इन केंद्रों तक पहुँचने के लिए लोगों को गुरु शिखर से पैदल यात्रा करनी पड़ेगी, जो करीब 18 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ियों के माध्यम से है। यह मतदान प्रक्रिया की साझा प्रयास में लोगों के समर्थन और सहयोग को दर्शाता है।

वोटिंग में पुलिस की भागीदारी

वोटिंग में पुलिस की भागीदारी सुरक्षा को लेकर अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। पुलिस विभाग चुनाव प्रक्रिया के दौरान सम्पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होता है। वोटरों की सुरक्षा, वोटिंग केंद्रों की सुरक्षा, विधानसभा क्षेत्रों में कड़ी पाबंदी, और उम्मीदवारों और निर्वाचकों की सुरक्षा पुलिस की मुख्य जिम्मेदारी है। पुलिस की भागीदारी चुनाव प्रक्रिया के प्रारंभ से ही शुरू होती है। वोटिंग केंद्रों की सुरक्षा के लिए पुलिस के कर्मियों को पहले से ही तैयार किया जाता है, ताकि किसी भी अनपेक्षित घटना का सामना किया जा सके। वे लोगों की निर्मल मतदान की सुनिश्चितता के लिए समय-समय पर विभिन्न केंद्रों पर नजर रखते रहते हैं।

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विधानसभा क्षेत्रों में पुलिस फोर्स का प्रयोग होता है ताकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों को रोका जा सके। पुलिस द्वारा चेकपोस्ट, पैरामिलिट्री फोर्स का सहायकता, और सुरक्षा के लिए नकेल लगाने जैसी कई प्रकार की कार्रवाईयाँ की जाती हैं।इसके अलावा, पुलिस विभाग उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखता है। वे उन्हें नकेल लगाने, सुरक्षा प्रदान करने, और चुनावी क्षेत्रों में किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। सम्पूर्ण रूप से, पुलिस की भागीदारी चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे लोग मतदान करने के लिए स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस करें।

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