मध्यप्रदेश शासन ने PEB का नाम बदलकर ESB तो कर दिया लेकिन काम नहीं बदला। यह संस्था लगातार छात्रों का भविष्य खराब कर रही है।
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भोपाल। मध्यप्रदेश शासन ने PEB का नाम बदलकर ESB तो कर दिया लेकिन काम नहीं बदला। यह संस्था लगातार छात्रों का भविष्य खराब कर रही है। सरकार मूकदर्शक बन कर देख रही है। पेपर लिक होना, पेपर के दौरान तकनीकी खराबी आना या प्रश्नपत्र गलत होना आम बात हो गई है।
सरकार प्राइवेट कंपनियों को पेपर कराने का टेंडर देती है। इसका खामियाजा मध्यप्रदेश का बेरोजगार युवा झेल रहा है। बेरोजगारी से तंग आकार हजारों युवा आत्महत्या कर चुके हैं।
अव्यवस्थाओं का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा
अभी हाल ही में ESB के द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग एक और दो कराई गई। जिसमें सरकार की अव्यवस्थाओं का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ा। जिसको लेकर मध्यप्रदेश के बेरोजगारों ने बुधवार (31 मई) को संयुक्त मंच के द्वारा ESB के मेन गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने ताला लगाकर ESB के खिलाफ नारे बाज़ी की। उनका कहना था कि यदि सरकार ने तुरंत इसमे संशोधन नहीं किया तो प्रदेश के युवा आगे बड़ा आंदोलन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।