वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण शुक्रवार पांच मई को लगने वाला है। हालांकि, साल के पहले सूर्यग्रहण की तरह यह भी भारत में नजर नहीं आएगा।
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नई दिल्ली। वर्ष 2023 का पहला चंद्रग्रहण शुक्रवार पांच मई को लगने वाला है। हालांकि, साल के पहले सूर्यग्रहण की तरह यह भी भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा। लेकिन, यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण है।
मान्यता है कि ग्रहण काल में भगवान की प्रतिमा को हाथ लगाना वर्जित कहा गया है। चंद्र ग्रहण शुक्रवार को रात 8 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगा। इसका सूतककाल नौ घंटे पहले शुरू हो जाएगा।
दुलर्भ संयोगः चंद्रग्रहण पीपल पूर्णिमा के दिन
राजस्थान के भीलवाड़ा के पंडित कमलेश व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण पीपल पूर्णिमा के दिन है। ऐसा संयोग बहुत कम देखने को मिलता है। कहा जाता है कि पीपल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में इस चंद्रग्रहण के दौरान विष्णु भगवान की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जानी चाहिए और भगवान को जल अर्पित करना चाहिए।
पीपल पूर्णिमा को सनातन धर्म में बड़ा दिन माना गया है। इसलिए इस दिन घट दान करना चाहिए। अगर किसी महिला के जीवन में विधवा योग बना हुआ है तो इस दिन व्रतदान करने से विधवा योग खत्म हो जाता है। इस ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं रहेगा जिसके चलते पूर्णिमा को लेकर महिलाएं व्रत और पूजा पाठ भी कर सकती हैं।