यूपी के महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा नरकटहा में सामाजिक और राजनीतिक मोर्चे पर सक्रिय रहने वाले एक युवा नेता ने एक लंबा और भावनात्मक संदेश फेसबुक पर जारी कर फंदे से लटक कर आत्महत्या कर लिया है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई है।
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महराजगंज। यूपी के महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा नरकटहा में सामाजिक और राजनीतिक मोर्चे पर सक्रिय रहने वाले एक युवा नेता ने एक लंबा और भावनात्मक संदेश फेसबुक पर जारी कर फंदे से लटक कर आत्महत्या कर लिया है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई है। वहीं मृतक के परिजन उच्च अधिकारियों को घटना स्थल पर बुलाने की जिद पर अड़े हुए हैं। मृतक धर्मात्मा निषाद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक धर्मात्मा निषाद के तीन बड़ी बहन है और एक बड़ा भाई।
बता दें की नरकटहा निवासी धर्मात्मा निषाद ने आज अपने फेसबुक पेज एक लंबा भावनात्मक संदेश जारी कर जिंदगी खत्म करने का संकेत था। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया कि उन्होंने निषाद समाज और अपने राजनीतिक संगठन के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया, लेकिन उन्हें अंततः साजिशों और विश्वासघात का सामना करना पड़ा।
युवा नेता ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि वे पिछले 10 वर्षों से डॉ. संजय कुमार निषाद (कैबिनेट मंत्री, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) के साथ जुड़े रहे। उन्होंने संगठन और पार्टी के लिए कई जिलों में काम किया, लेकिन जब उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी तो उन्हें षड्यंत्रों का शिकार बनाया गया।
उनका दावा है कि डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों ने उनके खिलाफ योजनाबद्ध रूप से साजिशें रचीं, उनके सहयोगियों को भड़काया और फर्जी मुकदमों में फंसाया। उन्होंने बताया कि कई बार जेल जाना पड़ा, लेकिन फिर भी वे समाज के लिए संघर्ष करते रहे। पत्र के अनुसार, एक घटना में उन्हें जबरन एक लूटपाट के फर्जी मुकदमे में फंसाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके एक करीबी मित्र जय प्रकाश निषाद ने भी उन्हें धोखा दिया और विरोधियों के साथ मिलकर उन्हें कानूनी मामलों में उलझाया।
एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि गुलशन निषाद नामक व्यक्ति की हत्या को प्रशासन ने दुर्घटना बताकर दबाने की कोशिश की, लेकिन जब वे पुलिस पर दबाव बनाने पहुंचे, तो उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया। पत्र में उन्होंने अपनी मां, पत्नी अंजली, भाई, बहनों और बेटी से माफी मांगी और कहा कि वे समाज की लड़ाई लड़ते-लड़ते अपने परिवार को समय नहीं दे पाए। उन्होंने निषाद समाज के नेताओं और युवाओं से अपील की कि वे डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों के खिलाफ समाज को एकजुट करें।
पत्र के अंत में उन्होंने लिखा कि वे अपने साथ हुए विश्वासघात और राजनीतिक षड्यंत्रों से आहत होकर अब इस दुनिया को छोड़ रहे हैं। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे उनके परिवार की देखभाल करें ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। इस पत्र के सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या इस युवा नेता को सच में आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया, या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश है? समाज और राजनीतिक गलियारों में इस पत्र को लेकर चर्चा तेज हो गई है। लोगों की मांग है कि प्रशासन तुरंत मामले की जांच करे और संबंधित लोगों पर कार्रवाई हो।