गुजरात के पोरबंदर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए सुधीर यादव का पार्थिव शरीर कानपुर देहात उनके पैतृक गांव हरि किशन पुर पहुंचा है। शहीद की मौत की खबर से पूरा गांव ग़म में डूब गया। घरो में चूल्हे बुझ गए और हर आंख में आंसू है
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कानपुर देहात। गुजरात के पोरबंदर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए सुधीर यादव का पार्थिव शरीर कानपुर देहात उनके पैतृक गांव हरि किशन पुर पहुंचा है। शहीद की मौत की खबर से पूरा गांव ग़म में डूब गया। घरो में चूल्हे बुझ गए और हर आंख में आंसू है। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी शहीद जवान को श्रद्धाजंलि देने उनके घर पहुंचे और परिजनों से बात कर उन्हें सांत्वना दी साथ ही अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंच रहे हैं। शहीद के परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। सुधीर यादव के बलिदान को याद करते हुए गांव के लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि कुछ घंटे के बाद कानपुर देहात से उनके पार्थिव शरीर को कानपुर के बिठूर घाट ले जाने की भी तैयारी चल रही है। जहाँ राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
शहीद सुधीर यादव के पिता नवाब सिंह ने कहा- हमारे परिवार की दूसरी पीढ़ी का यह बेटा था, जो फौज में अफसर था। हम लोग देश की सेवा के लिए ही बने हैं। सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे लोग फौज से पीछे ना हटें। अब जवानों के लिए अग्निवीर योजना दी है ऐसे में तीन-चार साल के लिए कौन अपने बेटे को फौज में भेजेगा। सरकार को ऐसी सुविधाएं देनी चाहिए कि जो सरहद पर जा रहा है, वह यह सोचे कि शहादत के बाद हमारा परिवार सुरक्षित रहेगा, उसकी पूरी तरह से देखभाल होगी। एक साल के अंदर तीन प्लेन अलग-अलग जगह पर क्रैश हो चुके हैं। इस तरह के जब भी कोई केस होते हैं तो गवर्नमेंट 10 दिन इस पर रोक लगा देती है, फिर से वही काम शुरू कर देती है। इस तरह से शॉर्ट टर्म लोगों को रखने से काम नहीं चलने वाला। इसकी पूरी इंक्वारी करें और अगर कोई दिक्कत है तो इसे वापस ले लीजिए, जैसे आपने मिग-21 का किया है।