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झारखंड में सीजीएल परीक्षा में धांधली पर छात्रों का फूटा गुस्सा, सड़क पर उतरे हजारों युवा

झारखंड में बगावत के सुर फुट चुके हैं। इस बार बगावत कोई और नहीं झारखंड के युवा कर रहे हैं। बता दें कि झारखंड सीजीएल परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों के खिलाफ छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब रविवार यानि 15 दिसंबर को राजधानी में जुटने वाले हैं। छात्र परीक्षा के बाद जारी रिजल्ट को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कथित गड़बड़ियों की जांच का आदेश दे दिया है।मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कार्मिक और प्रशासनिक विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।आदेश के मुताबिक कथित गड़बड़ियों की जांच सीआईडी करेगी।

By HO BUREAU 

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रांची। झारखंड में बगावत के सुर फुट चुके हैं। इस बार बगावत कोई और नहीं झारखंड के युवा कर रहे हैं। बता दें कि झारखंड सीजीएल परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों के खिलाफ छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब रविवार यानि 15 दिसंबर को राजधानी में जुटने वाले हैं। छात्र परीक्षा के बाद जारी रिजल्ट को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कथित गड़बड़ियों की जांच का आदेश दे दिया है।मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कार्मिक और प्रशासनिक विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।आदेश के मुताबिक कथित गड़बड़ियों की जांच सीआईडी करेगी।

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बता दें कि जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा आयोजित की थी। बीते 4 दिसंबर को JSSC ने रिजल्ट घोषित भी कर दिया. जिसके बाद गड़बड़ियों के आरोप सामने आए. रिजल्ट को रद्द करने की मांग होने लगी. राज्य भर में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर विरोध प्रदर्शन किया. तो वहीं अब इसे लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है.परीक्षा और रिजल्ट में गड़बड़ियों को लेकर जो आरोप लग रहे हैं।

उसमें सबसे पहला आरोप यह है कि पहले दिन यानि 21 सितंबर को जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिया, उनमें से बहुत कम सफल हुए हैं, जबकि जिन अभ्यर्थियों ने दूसरे दिन यानि 22 सितंबर को परीक्षा दिया, उनमें से अधिकांश को सफल घोषित किया गया. सफल अभ्यर्थियों में पहले और दूसरे दिन परीक्षा देने वालों की संख्या में भारी अंतर है।

छात्रों की लड़ाई की आवाज सिर्फ सड़क पर ही नहीं बल्कि झारखंड की विधानसभा में ये आवाज गूंजी और इस मामले पर विपक्ष ने आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की लेकिन सरकार के स्तर से इसे अस्वीकार करते हुए सीआईडी जांच का आदेश दिया गया है। लेकिन अब ये लड़ाई बहुत आगे निकल गई है क्योंकि 15 दिसंबर को रांची में सीजीएल परीक्षा के परिणाम को रद्द करने की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

अनुमान है कि 5,000 से अधिक अभ्यर्थी नामकुम स्थित जेएसएससी कार्यालय के पास जुटेंगे।बताया तो जा रहा है की अभ्यर्थी 14 दिसंबर की शाम को ही रांची पहुंच जाएंगे। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रांची प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाए हैं और जेएसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जो 20 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी।

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अब देखना ये है की सरकार हेमंत की सरकार इन छात्रों के आगे झुकेगी या अपने ही स्टैन्ड पर कायम रहेगी। जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ है की बवाल रुकेगा नहीं। क्योंकि छात्रों के इस आंदोलन को बीजेपी और आजसू का पूरा सहयोग मिल रहा है तो अब देखना ये है की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस भवसागर को कैसे पार कर पाएंगे।

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