Maha Kumbh 2025 Prayagraj:
घटना का विवरण:
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की खबर है। विभिन्न समाचार एजेंसियों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 10 से 17 के बीच बताई जा रही है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
प्रमुख कारण:
- मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना थी।
- भारी भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई।
- प्रशासन द्वारा 45 स्नान घाट बनाए गए थे, लेकिन भीड़ नियंत्रण सही तरीके से नहीं हो सका।
- आपातकालीन सेवाओं की त्वरित उपलब्धता में कमी देखी गई।
- अफवाहों के चलते अचानक भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान:
- महिला श्रद्धालु का अनुभव: “मैंने भीड़ में एक महिला को फंसे हुए देखा, जो अपने परिवार को बचाने की कोशिश कर रही थी। हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी।”
- धक्का-मुक्की: “हमें पीछे से धक्का दिया गया, जिससे हम भीड़ में बुरी तरह फंस गए। चारों ओर चीख-पुकार मच गई।”
- घायलों की स्थिति: “भगदड़ के दौरान कई लोगों को गिरते और कुचले जाते देखा। मेरी माँ भी घायल हुईं और अब अस्पताल में भर्ती हैं।”
- भावनात्मक दृश्य: “एक माँ अपने बच्चों को बचाने के लिए गिड़गिड़ा रही थी, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।”
- प्रशासनिक देरी: “पुलिस और प्रशासन समय पर नहीं पहुँचे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। कई लोग बिना किसी मदद के घायल पड़े रहे।”
प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “यह घटना अत्यंत दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएँ हैं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ।”
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: “स्थिति नियंत्रण में है। श्रद्धालुओं से अपील करता हूँ कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। घायलों के इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़: “इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
- अखाड़ा परिषद के प्रमुख रवींद्र पुरी: “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाना चाहिए।”
घायलों के लिए चिकित्सा व्यवस्था:
- 60 से अधिक एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुँचाने के लिए तैनात की गईं।
- प्रयागराज के केंद्रीय अस्पताल में सबसे अधिक घायलों को भर्ती किया गया।
- सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा की।
सुरक्षा उपायों की समीक्षा एवं सुधार के सुझाव:
- बेहतर भीड़ नियंत्रण: श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए जाएँ।
- तकनीकी सहायता: ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भीड़ की निगरानी की जाए।
- प्रशासन की तत्परता: अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए और उनके लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रशिक्षण अनिवार्य हो।
- सुरक्षा जागरूकता अभियान: अफवाहों से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
- चिकित्सा सुविधा: मेडिकल इमरजेंसी के लिए ज्यादा एंबुलेंस और चिकित्सकों की व्यवस्था हो।
- पैनिक बटन और अनाउंसमेंट सिस्टम: श्रद्धालुओं को सही दिशा-निर्देश देने के लिए अनाउंसमेंट सिस्टम को मजबूत किया जाए।
महाकुंभ और मौनी अमावस्या का महत्व:
- यह आयोजन 45 दिनों तक चलता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
- मौनी अमावस्या पर संगम स्नान को पवित्र और मोक्षदायी माना जाता है।
- साधु-संतों और नागा साधुओं के स्नान के कारण भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
महाकुंभ 2025 की यह भगदड़ एक दर्दनाक त्रासदी के रूप में दर्ज हो गई है। प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने और बेहतर आपदा प्रबंधन प्रणाली लागू करने से भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है। हम उन सभी श्रद्धालुओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं।