संसद के भीतर राहुल और अखिलेश में दूरी हुई तो गठबंधन के गांठ खुल गए। यूपी में 2 लड़कों की दोस्ती में आई दूरी की चर्चा हो ही रही थी कि इसी बीच अब चर्चा हो रही है सपा-कांग्रेस के बीच शुरू हुई सियासी दुश्मनी की। सपा संसद में भी कांग्रेस के साथ प्रदर्शन करते नजर नहीं आई तो तमाम सवाल तैरने लगे। कांग्रेस ने भी इसी बीच यूपी में अपनी सभी कमेटी भंग कर प्लान बी एक्टिव कर दिया।
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नई दिल्ली। संसद के भीतर राहुल और अखिलेश में दूरी हुई तो गठबंधन के गांठ खुल गए। यूपी में 2 लड़कों की दोस्ती में आई दूरी की चर्चा हो ही रही थी कि इसी बीच अब चर्चा हो रही है सपा-कांग्रेस के बीच शुरू हुई सियासी दुश्मनी की। सपा संसद में भी कांग्रेस के साथ प्रदर्शन करते नजर नहीं आई तो तमाम सवाल तैरने लगे। कांग्रेस ने भी इसी बीच यूपी में अपनी सभी कमेटी भंग कर प्लान बी एक्टिव कर दिया।
जिसके बाद सीयासी गलियारे में कांग्रेस सपा के बीच दरार की खबरें चर्चा का केंद्र बनीं, लेकिन अब कांग्रेस और सपा में तकरार की खबर केंद्र में है… पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान देते हुए कांग्रेस को घेरे में लिया तो सपा ने भी ममता बनर्जी का समर्थन कर दिया…. सपा ने इशारों में ही कांग्रेस के साथ सियासी फ्यूचर पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया।
ममता ने गठबंधन को चलाने की जताई इच्छा
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने एक बयान देते हुए कहा कि उन्होंने इंडिया ब्लॉक बनाया था… लेकिन वह सही दिशा और सुचारू रूप से चल नहीं पा रहा। मौका मिला तो वह खुद इंडिया गंठबंधन की लीड करेंगी। सबको साथ लेकर चलेंगी। ममता के इस बयान के बाद शिवसेना उद्धव, तेजस्वी समेत कई नेताओं ने समर्थन किया है। इसी बीच अखिलेश यादव के करीबी सपा नेता उदयवीर सिंह ने भी कहा कि ममता बनर्जी सीनियर लीडर है। अगर वह लीड करती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं। सपा नेता का ये बयान कांग्रेस को टेंशन देने वाला माना जा रहा।
क्योंकि यूपी में कांग्रेस और सपा का गठबंधन है। दोनों साथ मिलकर 2027 जीतने की हुंकार भर रहे है, लेकिन इंडिया गठबंधन की अगुवाई को लेकर सपा ही कांग्रेस के शत प्रतिशत समर्थन में नजर नहीं आ रही, जिससे भविष्य में दोनों के रस्ते अलग होने के चांस बन सकते हैं। आपको बता दें कि संसद में भी इस बार राहुल गांधी और अखिलेश की जोड़ी साथ नहीं दिखी और ना ही कांग्रेस के प्रदर्शन में सपा शामिल हुई मौजूदा राजनीति की जब बात करते हैं तो साफ तौर से दिखाई देता है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में नूरा कुश्ती सा माहौल शुरू हो चुका है।
शायद यही वजह है कि अब राम गोपाल यादव भी अपनी आवाज बुलंद कर गठबंधन में दरार की बात कर रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों संसद में भी राहुल गांधी अडानी के मुद्दे को उठा रहे थे, जबकी इंडिया ब्लॉक की मजबूत सहयोगी समाजवादी पार्टी संभल हिंसा को लेकर मुखर थी। हालांकि इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल यात्रा के लिए निकले, लेकिन जाने की अनुमति नहीं मिली।
.इस पर भी रामगोपाल यादव ने कहा था कि अब जाने की क्या जरूरत थी। समाजवादी पार्टी तो पहले ही मुलाक़ात कर चुकी है। इसके बाद सांसद में सिटिंग प्लान को लेकर भी सपा नाराज है. इसके बाअद शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने सपा को महाराष्ट्र में बीजेपी की बी टीम बताकर आग में गहि झोंकने का काम किया। हैरानी की बात ये की जिस इंडिया गठबंधन इसलिए साथ आया था ताकि बीजेपी का घेराव हो सके उसके सहयोगी दल एक दुसरे पर ही किचड़ उछालनें में व्यस्त है।अब क्या INDIA ALLIANCE से कांग्रेस अलग हो जाएगीया फिर राहुल अब एक साथ।