सोमवार का दिन झारखंड की सियासत के लिए खास रहा। सीएम हेमंत के साथ-साथ कई विधायकों ने शपथ ली। जयराम महतो नंगे पांव सदन में पहुंचे, किसी ने दंडवत प्रणाम तो किसी ने अलग अंदाज में सदन में एंट्री की । जी हेमंत सोरेन के साथ साथ कई सदस्यों ने विधायक के रूप में शपथ ली । झारखंड की नई नवेली सरकार के घठन के बाद छठी विधानसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार को हो गया।
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रांची। सोमवार का दिन झारखंड की सियासत के लिए खास रहा। सीएम हेमंत के साथ-साथ कई विधायकों ने शपथ ली। जयराम महतो नंगे पांव सदन में पहुंचे, किसी ने दंडवत प्रणाम तो किसी ने अलग अंदाज में सदन में एंट्री की । जी हेमंत सोरेन के साथ साथ कई सदस्यों ने विधायक के रूप में शपथ ली । झारखंड की नई नवेली सरकार के घठन के बाद छठी विधानसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार को हो गया।
प्रोटेम स्पीकर प्रो. स्टीफन मरांडी ने कार्यवाही शुरू होने के साथ नई विधानसभा के गठन को लेकर राज्यपाल का संदेश पढ़ा. और फिर नए सभी विधायकों के शपथ ग्रहण का सिलसिला शुरु हुआ । नई सरकार के गठन के बाद सत्र में पहुंचे हर किसी की आंखों में सपने और असमान इस बात का कि झारखंड में विकास की रफ्तार दौड़ेगी।
वैसे छठी विधानसभा पिछली विधानसभाओं की तुलना में कई मायनों में अलग है। इस बार सदन में सदस्यों की संख्या 82 की बजाय 81 है। इसकी वजह यह है कि विधानसभा में 82वें विधायक के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत करने की संवैधानिक व्यवस्था अब समाप्त हो गई है। वैसे ये यह पहली विधानसभा है, जब सत्ता पक्ष के सदस्य संख्या बल में पिछली सभी विधानसभाओं से ज्यादा हैं।
इस बार सदन में 21 यानी एक चौथाई विधायक ऐसे हैं, जो पिछली विधानसभा का हिस्सा नहीं थे. विधानसभा में चार पार्टियों का एकल प्रतिनिधित्व होगा. जदयू, लोजपा (आर), आजसू पार्टी और जेएलकेम के एक-एक विधायक जीतकर सदन में पहुंचे हैं। 81 सदस्यीय सदन में इस बार झामुमो के 34, भाजपा के 21, कांग्रेस के 16, राजद के 4 और सीपीआई एमएल के दो विधायक पहुंचे हैं. इस बार सदन में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं है। खैर राज्य की सबसे बड़ी सूबे की सबसे बड़ी पंचायत अपने हिसाब से माथा टेका। झारखंड की दशा और दिशा अब तय होगी। नई राजनीतिक पारी होने की वजह से कई चुनौतियां परखा है।