महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले और दो दशकों से ज्यादा समय से एनसीपी के अध्यक्ष पद पर रहने वाले शरद पवार ने 2 मई को इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। लेकिन अब उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
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मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिली थी। शरद पवार के तमाम समर्थकों ने शरद पवार के समर्थन में नारेबाजी की और इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा। लेकिन शरद पवार ने दो टूक कह दिया था कि वो किसी भी कीमत पर यह इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। अब समर्थकों के दबाव पर शरद पवार ने इस्तीफा वापस ले लिया है।
शुक्रवार को हुई एनसीपी की बैठक
बता दें कि शुक्रवार को एनसीपी चीफ के पद से इस्तीफा देने के बाद से यह बैठक की गई। इस बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें कमेटी ने शरद पवार के इस इस्तीफे को अमान्य बताते हुए शरद पवार को ही पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहने के लिए कहा गया।
इसी संदर्भ में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि साहेब यानि की शरद पवार का कोई विकल्प नहीं है और इसीलिए कमेटी इस इस्तीफे को नामंजूर कर रही है। पार्टी के सभी लोगों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है।
क्या थे इस्तीफे के मायने?
2 मई को जब शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान किया था तब सबके मन में यहीं सवाल उठ रहा था कि आखिर यह इस्तीफा क्यों दिया जा रहा है। अब समझते हैं कुछ ही दिनों पहले चुनाव आयोग ने एनसीपी से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा उनसे छिन लिया था और दूसरी तरफ अजीत पवार के लिए भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि अजीत पवार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यह भी एक कारण एनसीपी प्रमुख का इस्तीफा देने के लिए माना जा रहा था।