कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने हालिया आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार को बिना किसी हिचक के कठोर कदम उठाने चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि इस मुद्दे पर एकजुटता दिखानी चाहिए। पायलट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं होनी चाहिए।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद देश में आक्रोश का माहौल है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार को एक स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी प्रकार का संकोच या राजनीतिक लाभ-हानि का गणित नहीं होना चाहिए। देश की सुरक्षा और आम नागरिकों की जान की रक्षा सर्वोपरि है।
पायलट ने कहा कि यह समय सख्त कार्रवाई का है और अगर कोई भी देश या संगठन भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देता है, तो उसे करारा जवाब दिया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि सुरक्षा एजेंसियों को खुली छूट दी जाए और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए निर्णायक रणनीति अपनाई जाए।
सचिन पायलट ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई राजनीतिक मतभेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि वे इस संकट की घड़ी में एकजुट रहें और सरकार का समर्थन करें। “हम विपक्ष में हैं, लेकिन देश की सुरक्षा के मुद्दे पर हम सरकार के साथ खड़े हैं। हमें दुनिया को दिखाना होगा कि भारत आतंकवाद के सामने नहीं झुकेगा।”
पायलट ने आतंकी गतिविधियों में स्थानीय युवाओं के शामिल होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जो लोग युवाओं को कट्टरता की राह पर ले जाते हैं, उन पर कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, रोजगार और संवाद की नीति पर काम किया जाए।
सचिन पायलट ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और मजबूत ढंग से पेश करना चाहिए। “हमारी विदेश नीति को ऐसा होना चाहिए जिससे पाकिस्तान और आतंक को समर्थन देने वाले देशों पर वैश्विक दबाव बने।”
उन्होंने कहा कि भारत एक शक्तिशाली और जिम्मेदार लोकतंत्र है और इसे साबित करने का समय आ गया है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।