ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग के दौरान एक दुखद हादसे में एक युवक की जान चली गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे तेज बहाव के बीच युवक राफ्ट से गिरता है और फिर लहरों में लापता हो जाता है। यह हादसा न सिर्फ सुरक्षा मानकों की पोल खोलता है, बल्कि प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठाता है।
Updated Date
Rishikesh Rafting Mishap: रोमांच के नाम पर मौत, राफ्टिंग हादसे ने हिला दिया देश
उत्तराखंड के पर्यटन नगरी ऋषिकेश में एक बार फिर राफ्टिंग के दौरान बड़ा हादसा सामने आया है। इस बार एक 28 वर्षीय युवक की राफ्टिंग के दौरान नदी में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब युवक अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ राफ्टिंग का आनंद ले रहा था। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लाखों लोगों को झकझोर दिया है।
हादसे की पूरी घटना:
बताया जा रहा है कि घटना शिवपुरी से लक्ष्मण झूला के बीच राफ्टिंग के दौरान हुई। युवक जैसे ही राफ्ट से नीचे गिरा, गाइड और अन्य यात्रियों ने उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन तेज बहाव और सुरक्षा उपकरण की कमी के चलते वह बहता चला गया। बाद में स्थानीय गोताखोरों की मदद से उसका शव बरामद किया गया।
वीडियो वायरल: सोशल मीडिया पर गूंज
इस हादसे का वीडियो जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि राफ्टिंग गाइड और एजेंसी ने आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। युवक ने हेलमेट तो पहना था लेकिन लाइफ जैकेट ठीक से नहीं बांधी गई थी, जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया।
वीडियो में नजर आए दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। यह नजारा न केवल साहसिक खेलों की असलियत दिखाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे प्रशासनिक लापरवाही से जिंदगियों से खेला जा रहा है।
प्रशासन और राफ्टिंग एजेंसियों पर सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश तो दे दिए हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल जांच से मृतक युवक की जान वापस आ सकती है?
पर्यटन विभाग ने भी राफ्टिंग ऑपरेटर्स को चेतावनी दी है कि सुरक्षा मानकों से समझौता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राफ्टिंग ऑपरेटर्स की जिम्मेदारी तय करना बेहद जरूरी है क्योंकि बीते कुछ सालों में ऐसे हादसे लगातार बढ़े हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही।
Rishikesh में रोमांच या रिस्क?
ऋषिकेश को भारत की एडवेंचर कैपिटल कहा जाता है। हर साल लाखों लोग यहां राफ्टिंग, बंजी जंपिंग और ट्रैकिंग के लिए आते हैं। लेकिन यह हादसा यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या रोमांच के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशिक्षित गाइड, सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच, और प्राकृतिक स्थितियों का गहन अध्ययन राफ्टिंग शुरू करने से पहले जरूरी है। लेकिन कई छोटे ऑपरेटर्स इन बातों की अनदेखी करते हैं, जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की ढील और अनियमित लाइसेंसिंग प्रक्रिया का नतीजा है। कई राफ्टिंग एजेंसियां बिना प्रमाणित प्रशिक्षकों के काम कर रही हैं और सैलानियों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की कार्रवाई
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए सभी राफ्टिंग एजेंसियों के लाइसेंस की समीक्षा की बात कही है। साथ ही, स्थायी मॉनिटरिंग सिस्टम, CCTV कैमरा निगरानी, और GPS ट्रैकिंग डिवाइस को अनिवार्य करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने का ऐलान किया है, लेकिन जरूरत है स्थायी समाधान की, ताकि दोबारा ऐसा कोई हादसा न हो।
निष्कर्ष: क्या रोमांच की कीमत जिंदगी है?
Rishikesh का यह राफ्टिंग हादसा हमें चेतावनी देता है कि एडवेंचर स्पोर्ट्स को सिर्फ मुनाफे का जरिया नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से जोड़कर देखा जाना चाहिए। रोमांच के नाम पर जिंदगी दांव पर नहीं लगाई जा सकती।
अब समय आ गया है कि प्रशासन, पर्यटन विभाग और ऑपरेटर्स मिलकर एक ठोस रणनीति बनाएं, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और ऋषिकेश जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थल का नाम किसी दर्दनाक हादसे से न जुड़ सके।