सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रविवार को टनल के ऊपरी छोर से वर्टिकल खुदाई शुरू कर दी गई। अब तक 6 मीटर से ज्यादा वर्टिकल खुदाई हो चुकी है। कंपन अधिक न हो इसलिए धीमी रफ्तार से खुदाई हो रही है। जबकि टनल के भीतर प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के ब्लेड काटने का कार्य जारी है।
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उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रविवार को टनल के ऊपरी छोर से वर्टिकल खुदाई शुरू कर दी गई। अब तक 6 मीटर से ज्यादा वर्टिकल खुदाई हो चुकी है। कंपन अधिक न हो इसलिए धीमी रफ्तार से खुदाई हो रही है। जबकि टनल के भीतर प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के ब्लेड काटने का कार्य जारी है।
सिलक्यारा टनल के चारों तरफ से खुदाई हो रही है। शाम तीन बजे तक 15 मीटर तक वर्टिकल खुदाई हो चुकी थी। जबकि 86 मीटर तक वर्टिकल खुदाई होनी है। वर्टिकल खुदाई में रविवार से करीब 100 घंटे का समय लगेगा। रेस्क्यू अभियान में आर्मी ने भी मोर्चा संभाला लिया है। टनल के भीतर ड्रिलिंग के लिए एक्सपर्ट मजदूरों को भी लगाया गया है।
नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि मैनुअली ड्रिलिंग भी कोशिश हो रही है। उन्होंने बताया कि टनल के भीतर सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। वर्टिकल और मैनुअली दोनों तकनीक से रेस्क्यू हो रहा है।