Akhilesh Yadav ने Rana Sanga विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता Ramji Lal Suman से मुलाकात की, जिससे सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है। यह भेंट ऐसे समय हुई है जब SP को कई मोर्चों पर राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकार इसे पार्टी की अंदरूनी रणनीति और दलित समर्थन को मजबूत करने की कवायद बता रहे हैं।
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Rana Sanga विवाद के बीच Akhilesh Yadav की Ramji Lal Suman से अहम मुलाकात, समाजवादी पार्टी में नई सियासी हलचल
उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज है। ऐतिहासिक प्रतीकों को लेकर बढ़ती बहस और Rana Sanga विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख Akhilesh Yadav ने वरिष्ठ दलित नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद Ramji Lal Suman से मुलाकात की। यह बैठक लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय में हुई और इसे पार्टी के अंदर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक माना जा रहा है।
हाल ही में समाजवादी पार्टी के एक स्थानीय नेता द्वारा राजपूत शासक Rana Sanga पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने SP पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया, वहीं SP ने इसे व्यक्तिगत विचार करार दिया।
इस विवाद ने सवर्ण वोट बैंक को लेकर सपा की रणनीति को प्रभावित किया है, खासकर पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्रों में।
Ramji Lal Suman, जो दलित समुदाय में गहरी पकड़ रखते हैं और समाजवादी आंदोलन के पुराने चेहरों में से एक हैं, से मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि सपा एक बार फिर दलित और पिछड़ा वर्ग के वोट को एकजुट करने की दिशा में काम कर रही है।
बैठक के बाद कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात सिर्फ “शिष्टाचार” नहीं थी। चर्चा के दौरान 2025 विधानसभा चुनाव, SP की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति और दलित वर्ग की भागीदारी को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
Akhilesh Yadav लगातार अपनी पार्टी की “MY (Muslim-Yadav) beyond” रणनीति को विस्तार देने की कोशिश में हैं। दलित समुदाय को साथ जोड़ने के लिए उन्हें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो जमीनी पकड़ रखते हों। Ramji Lal Suman जैसे नेता न केवल अनुभववान हैं बल्कि उनके पास grassroots का मजबूत आधार भी है।
Rana Sanga विवाद के बाद SP को जरूरत है कि वह अपनी छवि को संतुलित बनाए और सवर्ण बनाम दलित विमर्श से बचते हुए सभी वर्गों में संतुलन बनाए रखे।
BJP ने इस मुलाकात को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल वोट बैंक की राजनीति है। भाजपा प्रवक्ताओं ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी अब अपने ही नेताओं की टिप्पणियों से बचाव में जुटी है और पुराने चेहरों को आगे लाकर जन समर्थन वापस पाने की कोशिश कर रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस मुलाकात को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। समर्थक इसे पार्टी की आंतरिक मजबूती और सामाजिक समरसता का संकेत बता रहे हैं, जबकि आलोचक इसे छवि सुधार का स्टंट करार दे रहे हैं।
Akhilesh Yadav की यह पहल यह दिखाती है कि पार्टी राजनीतिक चुनौतियों को गंभीरता से ले रही है। आगामी 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी उन चेहरों और वर्गों को फिर से संगठित करने में जुट गई है जो कभी उसका कोर वोट बैंक हुआ करते थे।
Ramji Lal Suman जैसे नेता को साथ लाना, उस दिशा में एक ठोस कदम माना जा सकता है।
Rana Sanga विवाद के बीच हुई यह मुलाकात समाजवादी पार्टी की राजनीतिक दिशा और रणनीति को मजबूती देने की कोशिशों का हिस्सा है। यह स्पष्ट है कि Akhilesh Yadav अपने गठबंधन और सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने के लिए एक बार फिर अनुभवी नेताओं को सामने ला रहे हैं। आने वाले समय में यह देखने लायक होगा कि इस मुलाकात के क्या राजनीतिक नतीजे सामने आते हैं।