जनप्रतिनिधियों की पाठशाला माने जाने वाले निकायों के चुनाव में टिकट की दावेदारी तो बहुत पहले से ही संभावित नेता कर रहे थे ... लेकिन पार्टियों को जोशीले और अनुभवी नेताओं की तलाश शुरू से ही थी ... ऐसे में जब निकाय चुनाव का रण अंतिम चरण में पहुंच चुका है ... जिसमें कभी भी चुनाव के आचार संहिता लग सकती है ... तो फिर सियासी दलों ने भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। निकाय चुनाव की तैयारियां चरम पर है...
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देहरादून। जनप्रतिनिधियों की पाठशाला माने जाने वाले निकायों के चुनाव में टिकट की दावेदारी तो बहुत पहले से ही संभावित नेता कर रहे थे … लेकिन पार्टियों को जोशीले और अनुभवी नेताओं की तलाश शुरू से ही थी … ऐसे में जब निकाय चुनाव का रण अंतिम चरण में पहुंच चुका है … जिसमें कभी भी चुनाव के आचार संहिता लग सकती है … तो फिर सियासी दलों ने भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। निकाय चुनाव की तैयारियां चरम पर है…
शनिवार को देर रात तक काम करने के बाद शहरी विकास निदेशालय में मेयर, नगरपालिका वह नगर पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण पर आई आपत्तियों का निपटारा करके शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी गई है … रविवार को सभी जिलों के साथ ही शहरी विकास विभाग निदेशालय में भी दिन भर काम होता रहा है। निकायों में वार्डवार आपत्तियों के निपटारे के बाद अब रिपोर्ट आ चुकी है।
आपको बता दें कि दोनों रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शासन अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है… इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने का प्रस्ताव शासन की तरफ से भेज दिया जाएगा। आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग चुनाव का कार्यक्रम तैयार करके शासन को संज्ञान के लिए भेजेगा और हरी झंडी मिलने का इंतजार करेगा .. ऐसे में माना जा रहा है कि अगले दो से चार दिनों में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी साथ ही आचार संहिता भी लग जाएगी।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की माने तो विभाग की पूरी तैयारी हैं और जल्द ही अंतिम अधिसूचना जारी हो जाएगी। शहरी विकास मंत्री की माने तो निकाय चुनाव की जो भी प्रत्याशी तैयारी कर रहा है उसे अब अपनी कमर कस लेनी चाहिए क्योंकि जल्द ही आचार संहिता लागू हो जाएगी और चुनाव का बिगुल बज जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की माने तो भाजपा के कार्यकर्ताओ ने आरक्षण को भी स्वीकार किया था …और भाजपा के सभी संभावित दावेदारों ने अपने चुनाव की तैयारी भी कर ली थी … पार्टी ने भी चुनाव के लिए अपनी रणनीति बना ली है,… जैसे ही आचार संहिता लागू होगी अधिसूचना जारी हो जाएगी पार्टी अपनी अंतिम रणनीति पर काम करना शुरू कर देगी।
कांग्रेस की तरफ से निकाय चुनाव का बिल्कुल बजने का इंतजार हो रहा है… कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी की माने तो सरकार ने 1 साल का समय तैयारी करने के लिए दिया था.. जिस दौरान सरकार ने निकायों में प्रशासक बिठाए है। कांग्रेस का मानना है कि निकायों में भाजपा के बोर्ड के द्वारा ना तो कोई काम किया गया है और ना ही जनता की समस्या का समाधान हुआ है ऐसे में जनता भाजपा की सच्चाई जान चुकी है।
उत्तराखंड में निकाय चुनाव का दंगल कभी भी शुरू हो सकता है … इसलिए राजनीतिक दल अपनी कमर कर चुके हैं … इंतजार सरकार की तरफ से चुनाव कराने को लेकर हरी झंडी दिए जाने का है .. और आयोग की तरफ से अधिसूचना जारी होते ही चुनाव की बिसात बिछनी शुरू हो जाएगी।