प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तट पर स्थित महत्वाकांक्षी विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह (Vizhinjam International Seaport) का उद्घाटन किया। यह बंदरगाह भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम है। इस उद्घाटन के साथ ही केरल और दक्षिण भारत को एक नई आर्थिक रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
Updated Date
केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य उद्घाटन किया। यह भारत का पहला ग्रीनफील्ड ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल है, जो पूरी तरह से भारतीय इंजीनियरिंग और रणनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित है। इस बंदरगाह को वैश्विक व्यापारिक नक्शे पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है।
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “Vizhinjam से भारत को नया सामुद्रिक सामर्थ्य मिलेगा, यह बंदरगाह देश के विकास के द्वार खोलेगा।” उन्होंने इस परियोजना को ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए बड़ा कदम बताया और विशेषकर दक्षिण भारत के व्यापारियों व निर्यातकों को नई ऊर्जा देने वाला बताया।
विझिंजम बंदरगाह की सबसे बड़ी खासियत इसकी भौगोलिक स्थिति है। यह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट के बेहद करीब है और गहरे पानी वाला प्राकृतिक बंदरगाह है, जो बड़ी से बड़ी कंटेनर शिप को आसानी से संभाल सकता है। इससे अब भारत को कोलंबो, सिंगापुर और दुबई जैसे बंदरगाहों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी और ट्रांसशिपमेंट हब बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस परियोजना से केरल और आसपास के क्षेत्रों में हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय मछुआरों और व्यापारियों के लिए भी विशेष योजनाएं लाई जा रही हैं, जिससे उनका जीवनस्तर सुधरेगा। इसके साथ ही पर्यटन, लॉजिस्टिक्स, कोल्ड स्टोरेज और शिप रिपेयर जैसे सेक्टरों में भी जबरदस्त ग्रोथ की उम्मीद है।
यह बंदरगाह पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल तकनीकों से बना है। इसमें कार्बन न्यूट्रल संचालन, सोलर एनर्जी, और वॉटर कंज़र्वेशन सिस्टम्स का विशेष उपयोग किया गया है। यह पहल सरकार के सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की ओर प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
विझिंजम बंदरगाह न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है। इसका उपयोग भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए भी किया जा सकेगा, जिससे भारत की सुरक्षा रणनीति को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की समुद्री शक्ति के पुनर्जागरण की शुरुआत बताया।