भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आपातकालीन हाई लेवल सुरक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेना प्रमुख, गृह मंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सुरक्षा हालात, सीमाई गतिविधियों और कूटनीतिक कदमों को लेकर अहम चर्चाएं की गईं।
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हाल ही में पाकिस्तान से बढ़ते सीमा पार तनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख, गृह मंत्री अमित शाह, और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर समेत कई शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर बढ़ती घुसपैठ, ड्रोन गतिविधियों और सीमा पर हो रही गोलीबारी पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। सेना और बीएसएफ को LOC के पास अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों की गतिविधियों में वृद्धि की बात कही गई है। इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को रैपिड रेस्पॉन्स टीम की तैनाती तेज करने और सुरक्षा घेरा मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस हाई लेवल बैठक में कूटनीतिक रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की गतिविधियों को उजागर करने की योजना पर काम करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, UN, G20 और अन्य वैश्विक संस्थाओं के सामने भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से रखने की योजना बनाई जा रही है।
पाकिस्तान के साथ तनाव का सीधा असर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में देखा जा सकता है। ऐसे में राज्यों की पुलिस और प्रशासन को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील इलाकों में विशेष गश्त और ड्रोन निगरानी बढ़ा दी गई है। बैठक में आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक व्यापक रणनीति पर भी चर्चा हुई, जिससे किसी भी प्रकार के खतरे को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके।
विपक्षी दलों ने भी इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है और सरकार से मजबूत कूटनीतिक और सामरिक कदम उठाने की मांग की है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दलों ने केंद्र सरकार को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता मिल सके। साथ ही, नेताओं ने यह भी कहा कि ऐसे संवेदनशील समय में राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करके एकजुट रहना आवश्यक है।
बैठक के बाद सरकार की ओर से आम जनता को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को देने की अपील की गई है। साथ ही, सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करने की भी सलाह दी गई है।