प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद पर “खुली छूट” की नीति के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की सेना और सरकार दोनों हाई अलर्ट पर हैं और सीमा पर फोर्स मूवमेंट बढ़ा दिया गया है। भारत की निर्णायक नीति ने न केवल पाकिस्तान को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि उसकी आंतरिक स्थिति को भी झकझोर दिया है।
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हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त रुख अपनाते हुए सुरक्षा बलों को “खुली छूट” दे दी। इस बयान के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य हलकों में हड़कंप मच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से पता चला है कि पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्य बल तैनात कर दिए हैं और कई इलाकों में “फॉल्स अलार्म” जारी किए जा चुके हैं।
पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठान में यह आशंका है कि भारत इस बार केवल बयानबाज़ी तक नहीं रहेगा, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसी किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दे सकता है। मोदी सरकार की आक्रामक कूटनीति और मजबूत सुरक्षा रणनीति के चलते पाकिस्तान के कई शहरों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
पाक मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, और लाहौर जैसे प्रमुख शहरों में सेना को सतर्क किया गया है। पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने कथित तौर पर “भारतीय घुसपैठ” की आशंका के मद्देनजर रडार सिस्टम और एयर डिफेंस तैयारियां बढ़ा दी हैं। हालांकि बाद में यह साबित हुआ कि ये सारे अलार्म फर्जी थे, लेकिन इससे पाकिस्तान की घबराहट साफ जाहिर होती है।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत की सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका में ऐसा रिएक्शन दिखाया हो। पहले भी उरी हमले और पुलवामा अटैक के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की थी, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट संदेश है कि भारत अब आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा। उनकी रणनीति केवल डिप्लोमैटिक दबाव तक सीमित नहीं है, बल्कि मिलिट्री ऑप्शन को भी खुले तौर पर रखा गया है। भारत के इस स्टैंड को अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
इसका असर पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति पर भी साफ दिख रहा है। इमरान खान की पार्टी हो या मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार, सबकी बयानबाज़ी से यह साफ है कि वे भारत से सीधे टकराव को लेकर असहज हैं।
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत इस बार स्टैंडर्ड डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल से हटकर कोई बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है। सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही “फ्री हैंड” दे दिया गया है और स्थानीय खुफिया नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि यदि पाकिस्तान स्थित किसी आतंकी संगठन का हाथ सामने आया, तो भारत जवाबी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा।