कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पाकिस्तान की हालिया हरकतों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार सीमा पार से आतंक फैलाने की कोशिश करता है और भारत को अब सख्त रुख अपनाना चाहिए। तिवारी ने केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अब "शांति की बातें" नहीं, "सुरक्षा की नीति" जरूरी है।
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पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जा रही उकसावे वाली हरकतों पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गहरा आक्रोश जताया है। जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमले और लगातार सीज़फायर उल्लंघन की घटनाओं के बाद मनीष तिवारी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “पाकिस्तान की ये हरकतें बर्दाश्त से बाहर हैं और भारत को अब निर्णायक रुख अपनाना होगा।”
उन्होंने कहा कि सीमा पार से आतंकी भेजकर शांति प्रयासों को बार-बार ठेस पहुंचाना पाकिस्तान की नीति बन चुकी है। तिवारी ने केंद्र सरकार से अपील की कि वो इस मुद्दे को सिर्फ कूटनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित न रखे, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे।
मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत ने कई बार शांति प्रयास किए, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने विश्वासघात किया। उन्होंने कहा, “अब वह वक्त आ गया है जब भारत को सिर्फ बयान नहीं, बलशाली जवाब देना होगा।” उन्होंने सरकार से मांग की कि सुरक्षा बलों को फ्री हैंड दिया जाए और पाकिस्तान को उसके हर कृत्य का जवाब सीमापार भी दिया जाए।
कांग्रेस नेता ने यह भी साफ किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए ताकि देश की एकजुटता का स्पष्ट संदेश पाकिस्तान को मिले। “जब बात देश की अखंडता की हो, तो विपक्ष और सत्ता में कोई भेद नहीं होना चाहिए,” तिवारी ने कहा।
तिवारी ने यह भी सुझाव दिया कि भारत को पाकिस्तान की इन हरकतों को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करना अब समय की मांग है, ताकि वह समझ सके कि आतंकवाद को समर्थन देने की कीमत कितनी भारी हो सकती है।