पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। झारखंड के धनबाद से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया गया है, जिसे इस हमले से जुड़े नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। ATS की इस कार्रवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। इस सिलसिले में झारखंड ATS ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। धनबाद से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया गया है, जो इस हमले के पीछे के नेटवर्क से कथित रूप से जुड़ा हुआ है। प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिससे इस आतंकी हमले की जड़ तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।
गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह कई वर्षों से कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल रहा है और उसका संपर्क सीमापार बैठे आकाओं से भी था। झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस गिरफ्तारी को पहलगाम हमले की साजिश के पर्दाफाश के लिए बड़ा कदम मान रही हैं।
धनबाद में पकड़े गए इस आतंकी को ट्रैक करने में डिजिटल सर्विलांस और तकनीकी खुफिया जानकारी का बड़ा योगदान रहा। सुरक्षाबलों ने उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों, बैंक ट्रांजैक्शंस और कॉल रिकॉर्ड्स को खंगालकर यह पुष्टि की कि उसका संबंध जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल से हो सकता है।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आतंकी पहलगाम हमले से पहले लगातार जम्मू-कश्मीर के कुछ संदिग्ध नंबरों से संपर्क में था। साथ ही उसके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल सिम कार्ड और विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है, जो उसकी संदिग्ध गतिविधियों को और मजबूती से साबित करती है।
धनबाद में गिरफ्तारी के बाद संदिग्ध को तत्काल ATS के विशेष दफ्तर में लाया गया, जहां उससे लंबी पूछताछ की गई। अधिकारियों का कहना है कि उसके पास से मिली जानकारियों के आधार पर आगे भी कई स्थानों पर छापेमारी की जाएगी और जल्द ही पूरे नेटवर्क को उजागर किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक निर्णायक क्षण हो सकता है।
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति को और सख्ती से लागू करने का संकेत दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सभी राज्यों की ATS और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इस गिरफ्तारी को उसी योजना का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें देशभर में स्लीपर सेल्स और टेरर फंडिंग नेटवर्क्स पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है।
इस अभियान में झारखंड पुलिस, विशेषकर धनबाद यूनिट की भूमिका भी सराहनीय रही। उन्होंने न केवल सभी तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग किया, बल्कि संदिग्ध की हर गतिविधि पर महीनों से नजर रखी हुई थी। यह दिखाता है कि राज्य पुलिस और राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल बेहतर हुआ है, जो भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ एक मज़बूत दीवार खड़ी कर सकता है।