जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि उसके नेताओं के बयानों से सेना का मनोबल गिरता है। पार्टी ने कहा कि इस संवेदनशील समय में देश को एकजुटता की जरूरत है, लेकिन विपक्ष जिम्मेदारी से पीछे हट रहा है।
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पहलगाम आतंकी हमला जहां एक तरफ पूरे देश को झकझोरने वाला साबित हुआ, वहीं दूसरी तरफ इस हमले ने राजनीति को भी गर्म कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा है कि संकट की इस घड़ी में भी विपक्ष जिम्मेदारी से नहीं बल्कि सेना के मनोबल को गिराने वाले बयान देकर राष्ट्रविरोधी मानसिकता दिखा रहा है।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने हमले के पीछे सरकार की विफलता का हवाला देकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब हमारे जवान और नागरिक आतंकियों का सामना कर रहे हैं, तब ऐसे बयान देश की सुरक्षा और अखंडता को नुकसान पहुंचाते हैं। पार्टी ने मांग की कि कांग्रेस अपने नेताओं के बयानों पर सफाई दे और इस कठिन समय में राष्ट्रहित को प्राथमिकता दे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी पूरी मजबूती से भारतीय सेना के साथ खड़ी है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा, “हमारे जवान दिन-रात देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं और आतंकवादियों के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। ऐसे समय में अगर कोई सेना पर सवाल उठाता है, तो यह सीधे तौर पर राष्ट्रविरोधी तत्वों का समर्थन है।”
उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि क्या पार्टी को सेना के साहस और बलिदान पर भरोसा नहीं है? उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर सेना का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना बीजेपी को नागवार गुजरा। पार्टी ने कहा कि आतंकियों को समाप्त करने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है और जो भी इस संकट की घड़ी में राजनीति करेगा, उसे जनता माफ नहीं करेगी।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “आज जब देश को एकजुटता की सबसे ज्यादा जरूरत है, कांग्रेस सेना के खिलाफ बयान देकर आतंकियों के हौसले बढ़ा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और देश विरोधी सोच का उदाहरण है।”
यह पहला मौका नहीं है जब आतंकी हमले के बाद राजनीति और बयानबाज़ी शुरू हुई हो। लेकिन इस बार जनता में यह भावना और मजबूत हो गई है कि सियासी दलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में एकसुर में बोलना चाहिए।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की बयानबाज़ी से जनता का भरोसा कमजोर होता है और सैनिकों के अंदर असमंजस की भावना पैदा होती है। ऐसे में बीजेपी का कांग्रेस पर हमला केवल सियासी चाल नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता का प्रतिबिंब है।
गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और सेना को फ्री हैंड दिया गया है। साथ ही सरकार ने कहा है कि वह आतंकी फंडिंग, लोकल सपोर्ट और सीमा पार से घुसपैठ पर सख्त कार्रवाई कर रही है।
बीजेपी का यह भी कहना है कि ऐसे समय में सरकार को मजबूत करने की ज़रूरत है न कि उसकी आलोचना करके दुश्मनों को ताकतवर बनाने की।