जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए अटल मोणे का अंतिम संस्कार बीती रात उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए और पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। शहीद के परिजनों ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले अटल मोणे का अंतिम संस्कार बीती रात महाराष्ट्र स्थित उनके पैतृक गांव में किया गया। उनका पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा, वहां मातम का सन्नाटा पसर गया। हर आंख नम थी, और पूरे गांव ने अपने वीर सपूत को सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी।
शहीद अटल मोणे की अंतिम यात्रा में क्षेत्र के हजारों लोग, सेना के जवान, और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। जब तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव की गलियों में “अटल मोणे अमर रहें” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे।
शहीद अटल मोणे की माँ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। लेकिन सरकार से मेरी गुजारिश है कि आतंकियों को माफ़ न किया जाए।” उनके इस बयान ने देशभर में एक भावनात्मक लहर दौड़ा दी।
परिवार ने बताया कि अटल बचपन से ही देशभक्ति से ओतप्रोत थे और उनका सपना था कि वे सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें। यह सपना उन्होंने पूरा किया, लेकिन उनका सफर इस कायराना हमले की भेंट चढ़ गया।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की और आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा देने की मांग की। गांव के लोगों का कहना है कि अटल मोणे जैसे जवानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से घाटी में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ और कड़े कदम उठाने का आग्रह किया।
राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने शोक जताते हुए परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी शहीद को श्रद्धांजलि दी गई और कहा गया कि “देश अपने सपूतों की कुर्बानी को कभी नहीं भूलेगा”। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने अटल मोणे के परिवार को आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
सोशल मीडिया पर भी अटल मोणे को श्रद्धांजलि देने वालों की लंबी कतार देखने को मिली। #AtulMoneAmarRahe और #PahalgamAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। हजारों लोगों ने उनके बलिदान को सलाम किया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।