जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ लंदन में भारतीय प्रवासियों ने पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ नारेबाजी की और पाकिस्तान को आतंक के संरक्षक के रूप में जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग शामिल हुए।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया में भारतीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद लंदन में बसे भारतीय प्रवासियों ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी नाराजगी ज़ाहिर करने के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाई।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और उसे वैश्विक आतंकवाद का गढ़ करार दिया। “Stop Supporting Terrorism”, “Justice for Pahalgam Victims”, जैसे नारों से पूरा माहौल गूंज उठा। प्रदर्शन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को दिए जा रहे समर्थन की ओर आकर्षित करना था।
प्रदर्शन में मौजूद कई भारतीय प्रवासियों ने मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी नीतियों का हिस्सा बनाकर दुनिया में अस्थिरता फैलाता रहेगा, तब तक निर्दोष लोग शिकार बनते रहेंगे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
इस प्रदर्शन में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने शांति और मानवता के समर्थन में आवाज़ उठाई और दुनिया भर में भारतीय समुदाय की एकता का मजबूत संदेश दिया। भारतीय प्रवासियों ने कहा कि वे अपने देश के साथ हैं और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी लड़ाई में सरकार का समर्थन करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान भारतीय तिरंगे लहराते हुए प्रवासियों ने एकजुटता का परिचय दिया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही, ब्रिटिश सरकार से भी मांग की कि वह पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वह आतंकवाद का समर्थन बंद करे।
प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की कि वे पाकिस्तान को आतंकवाद पर वैश्विक प्रतिबंधों का सामना करने के लिए मजबूर करें। प्रवासियों ने कहा कि केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, अब कड़े कदम उठाने का समय आ गया है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने ब्रिटेन की संसद से भी अपील की कि वह पाकिस्तान में मानवाधिकार हनन और आतंकियों को दी जा रही मदद पर कड़ा संज्ञान ले। कई भारतीय संगठनों ने प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक और कूटनीतिक कार्रवाई की मांग की गई।