कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की अपील की और इस हमले को आतंकवादियों का कायराना प्रयास बताया।
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कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में कई निर्दोष पर्यटक शिकार हुए हैं, और यह घटना देशभर में गुस्से का कारण बन गई है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “पहलगाम में जो हुआ, वह अत्यंत दुखद और कायराना है। आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की जान ली है। हम इस कृत्य की पूरी निंदा करते हैं और हमले के दोषियों को इसकी कीमत चुकानी होगी।”
राहुल गांधी ने सरकार से भी अपील की कि वे आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाएं। उनका कहना था, “हमारे देश का युवा आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने का हौसला रखता है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार भी पूरी ताकत से कार्रवाई करे और दोषियों को सजा दिलवाए।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हमले के बाद सरकार को केवल शब्दों से काम नहीं चलाना चाहिए, बल्कि उसे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों के खिलाफ कड़े आदेश दिए जाएं और राजनीतिक लाभ उठाने के बजाय, एकजुट होकर इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की जाए।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आतंकी हमलों से निपटने के लिए भारत को सभी क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने और अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि इस प्रकार के हमले केवल भारत को डराने के लिए नहीं होते, बल्कि देश की सुरक्षा नीति और सामर्थ्य को चुनौती देने के लिए किए जाते हैं।
राहुल गांधी ने सरकार की आतंकवाद नीति पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर सही दिशा में कदम उठाए हैं। उनका कहना था कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है, और इस स्थिति में सरकार की सुरक्षा रणनीतियां सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने अपनी जान की आहूति दी है, लेकिन सरकार को ये बताने की जरूरत है कि किसी भी हमले के बाद जिम्मेदारी निभाने का सही तरीका क्या है।”
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया केवल व्यक्तिगत आक्रोश की नहीं थी, बल्कि इस घटना को देश के भीतर आतंकवाद के खतरे के रूप में भी देखा गया। विपक्षी दलों ने इस हमले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया देने की बजाय सरकार से मांग की कि वे आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने में सभी दलों को एकजुट होना चाहिए और इसे एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में लिया जाना चाहिए।
आतंकी हमले के बाद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा की और भरोसा दिलाया कि सरकार इस कृत्य को गंभीरता से ले रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत नीति दोहराते हुए कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा, और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा को और मजबूत किया जाए।