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Pahalgam Terror Attack के बाद बोले Omar Abdullah: “पहली बार कश्मीरी सामने आए”

पहल्गाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने बयान दिया कि इस हमले ने स्थानीय कश्मीरियों को भी झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार आम कश्मीरी बाहर निकलकर आतंक के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह बदलाव उम्मीद की एक नई किरण लेकर आया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

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ओमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान: “आतंकी हमले के बाद पहली बार कश्मीरी जनता बाहर आई”

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक हमले ने न केवल देश को, बल्कि घाटी के आम नागरिकों को भी हिला दिया है। पहली बार कश्मीरी जनता खुलकर आतंकवाद के खिलाफ सड़क पर उतरी है और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखाई है। यह स्थिति घाटी में एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का संकेत देती है।

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ओमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस हमले ने घाटी के लोगों को अहसास दिलाया है कि आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार आम जनता ही होती है। उन्होंने बताया कि पहलगाम और आसपास के इलाकों में लोग स्वतः ही पीड़ित परिवारों के समर्थन में आगे आए, राहत कार्यों में मदद की और हमले की निंदा की।

आतंकवाद के खिलाफ जन समर्थन जरूरी

ओमर अब्दुल्ला ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि केवल सुरक्षा बलों के प्रयासों से आतंकवाद का खात्मा नहीं हो सकता। इसके लिए आम जनता का समर्थन और सहयोग बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब आम नागरिक आतंकियों के खिलाफ खड़े होते हैं, तभी आतंकवाद की जड़ें कमजोर पड़ती हैं।

उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार को न केवल सैन्य उपायों पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि जनता के दिलों और दिमागों को जीतने के लिए सामाजिक और आर्थिक नीतियों को मजबूत करना चाहिए।

केंद्र और राज्य सरकारों से अपील

ओमर अब्दुल्ला ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की कि वे इस मौके को एक अवसर की तरह देखें और घाटी में शांति और स्थायित्व के लिए गंभीर पहल करें। उन्होंने कहा कि अगर इस जनभावना को सही दिशा दी जाए, तो आतंकवाद को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

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उन्होंने सरकार से विश्वास बहाली के कदम, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, और घाटी के लिए सकारात्मक संवाद शुरू करने का आग्रह भी किया।

आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई

अपने भाषण के अंत में ओमर अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल किसी एक पार्टी या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। यह पूरे देश का दायित्व है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने और आतंक के खिलाफ साझा रणनीति बनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि घाटी के लोग शांति चाहते हैं, विकास चाहते हैं, और एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर आतंकवाद को खत्म करें और जम्मू-कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाएं।

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