जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार इस कायराना हरकत का सख्त जवाब देगी। बैठक के दौरान शाह ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की और जमीनी स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
Updated Date
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में कई निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश की लहर फैल गई। इस घटना के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्वरित एक्शन लेते हुए पहलगाम पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी इस हमले में शामिल है, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।”
गृहमंत्री की यह यात्रा न केवल एक संवेदनात्मक पहल थी, बल्कि यह एक राजनीतिक और रणनीतिक संदेश भी था कि सरकार इस घटना को हल्के में नहीं लेने वाली। अमित शाह ने घाटी में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और सीमा पर सतर्कता बढ़ाने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन एक साथ काम कर रहे हैं।
पीड़ितों के परिजनों से बातचीत के दौरान अमित शाह ने सरकार की ओर से हर प्रकार की आर्थिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि “यह सरकार आपकी है और आपके दर्द को समझती है। हम केवल सहानुभूति नहीं दिखा रहे, हम एक्शन में यकीन रखते हैं।“
इस भावनात्मक और निर्णायक रुख ने न केवल पीड़ितों के परिवारों को आश्वस्त किया, बल्कि पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश भी भेजा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार पूरी ताकत से जुटी है।
हमले के बाद अमित शाह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों को मार गिराने के लिए ज़रूरी हो तो सीमा पार जाकर भी कार्रवाई की जा सकती है। केंद्र सरकार अब जम्मू-कश्मीर में खुफिया नेटवर्क को और मजबूत करने, आतंकियों की फंडिंग पर रोक लगाने, और स्थानीय समर्थन को तोड़ने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है।
इस गंभीर घटना के बाद कई विपक्षी दलों ने भी सरकार को समर्थन देने की बात कही है। कांग्रेस और अन्य दलों ने बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और देश को एकजुट होकर इसका जवाब देना चाहिए। अमित शाह ने भी इसी बात पर ज़ोर दिया कि यह समय राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एक मंच पर आने का है।