जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों को सीमापार सटीक कार्रवाई के आदेश मिल चुके हैं। पाकिस्तान में इस तैयारी के चलते डर का माहौल बना हुआ है, और सीमा पर सेना की हलचल तेज हो गई है।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। 26 निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाली इस घटना के बाद भारत सरकार अब पूरी तरह से बदला लेने की रणनीति पर काम कर रही है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और सैन्य गतिविधियों के मुताबिक सीमा पर जवाबी कार्रवाई की पूरी तैयारी कर ली गई है। इस बीच पाकिस्तान में तनाव और डर का माहौल गहराता जा रहा है, जहां सरकार और सेना भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से चिंतित हैं।
भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठान ने हमले के बाद से ही काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन को तेज कर दिया है। सेना, वायुसेना और खुफिया विभाग के अधिकारियों की आपात बैठकें हो रही हैं। सूत्रों का कहना है कि एलओसी के पार मौजूद आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाने की योजना तैयार की जा रही है। यह कदम संकेत है कि भारत अब केवल डिप्लोमैटिक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मिलिट्री एक्शन से स्पष्ट संदेश देना चाहता है।
भारत के सख्त रुख के कारण पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई सैन्य ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमावर्ती इलाकों में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है। पाक सेना को डर है कि भारत पहले की तरह सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसे कदम दोहरा सकता है। यह डर यूं ही नहीं है—2016 उरी हमले और 2019 पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था, जिससे उनकी छवि अंतरराष्ट्रीय मंच पर धूमिल हुई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर रक्षा मंत्रालय तक, हर स्तर पर स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि आतंकवादियों और उनके मददगारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठकों में “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” को दोहराया गया है। देश की जनता से लेकर शहीदों के परिवारों तक, सभी की एक ही मांग है—कड़ा बदला, स्पष्ट जवाब।
इस बार कार्रवाई पहले से ज्यादा सटीक और गुप्त होगी। RAW, IB, NIA और सैन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर टारगेट की पहचान में जुटी हैं। संभावित ठिकानों की सूची बनाई जा चुकी है और उनकी निगरानी भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही ड्रोन सर्विलांस, सैटेलाइट इमेजिंग और सायबर मॉनिटरिंग जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि हर कदम सटीक हो और कोई चूक न हो।
सिर्फ सैन्य स्तर पर ही नहीं, भारत कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रिय हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र, G20, और अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग किया जाना चाहिए।