पहलगाम आतंकी हमले के बाद दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों ने व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अब तक 175 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी आतंकी आसिफ शेख फरार है। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान लगातार जारी है।
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पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद से दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार अब तक 175 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हमले के पीछे मुख्य भूमिका निभाने वाला आतंकी आसिफ शेख अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में अलग-अलग स्थानों पर लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने पहलगाम, अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां के कई इलाकों में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO) चलाया है। हर वाहन और व्यक्ति की सख्ती से तलाशी ली जा रही है ताकि आतंकी किसी भी तरह से फरार न हो सके। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों का संयुक्त अभियान रात-दिन जारी है।
आसिफ शेख, जो कि एक स्थानीय आतंकवादी है और कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, इस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है। खुफिया एजेंसियों ने आसिफ की कई लोकेशन्स ट्रेस की हैं लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। सुरक्षा बलों ने उसके परिवार और करीबी सहयोगियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि उसके ठिकाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि आसिफ शेख को जिंदा पकड़ने या मुठभेड़ में मार गिराने के निर्देश दिए गए हैं। ऑपरेशन में ड्रोन, स्निफर डॉग्स और हाईटेक सर्विलांस उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि उसे जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अभियान को सफल बनाने के लिए आम जनता का सहयोग बेहद जरूरी बताया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्दोष नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
केंद्र और राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सख्त कदम कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार अब आतंकवादियों के नेटवर्क को तोड़ने और उनकी फंडिंग को रोकने पर विशेष ध्यान दे रही है।