जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना ने पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रख दिया है। संदिग्ध आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद सेना ने पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने एक संयुक्त अभियान शुरू कर दिया है ताकि आतंकियों को खोजकर उन्हें नेस्तनाबूद किया जा सके।
सेना प्रमुख की ओर से साफ निर्देश हैं कि किसी भी आतंकवादी को बख्शा नहीं जाएगा और इस घटना का कठोर जवाब दिया जाएगा। इस बीच, सेना के जवानों ने पहलगाम, अनंतनाग और आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त और तलाशी अभियान को और तेज कर दिया है।
हमले के बाद खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। इन एजेंसियों के इनपुट पर सेना और पुलिस मिलकर संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। आतंकियों की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए ड्रोन, सैटेलाइट मॉनिटरिंग और हाईटेक सर्विलांस का उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, हमला LOC पार से आए आतंकी संगठनों की साजिश का हिस्सा हो सकता है।
2017 में शुरू किया गया ऑपरेशन ऑल आउट एक बार फिर से पूरी ताकत के साथ सक्रिय कर दिया गया है। इस ऑपरेशन का मकसद घाटी में छिपे हुए स्थानीय और विदेशी आतंकवादियों को पूरी तरह समाप्त करना है। सेना ने एक लिस्ट तैयार की है जिसमें टॉप 25 मोस्ट वांटेड आतंकियों के नाम शामिल हैं। इन्हें जल्द से जल्द खत्म करने के निर्देश हैं।
सेना और प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच सके। साथ ही यह भी कहा गया है कि सेना हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी स्थिति में आम जनजीवन को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
पहाalgam आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य प्रशासन ने भी एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ने की बात कही है। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क में रहकर स्थिति की समीक्षा की है और कार्रवाई के लिए पूर्ण समर्थन दिया है।
सेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह हमला सीधी चुनौती है जिसे हम किसी भी हाल में स्वीकार नहीं कर सकते। हमारी प्राथमिकता देश की अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही हमले के दोषियों को या तो गिरफ्तार किया जाएगा या मुठभेड़ में मार गिराया जाएगा।