पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र ने पांच अहम कदम उठाए हैं, जिनमें कूटनीतिक दबाव, व्यापारिक प्रतिबंध और सैन्य स्तर पर रणनीतिक कार्रवाई शामिल हैं। यह जवाब स्पष्ट संकेत है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।
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पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि आतंकवाद के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच निर्णायक कार्रवाइयों की घोषणा की है। यह जवाब न सिर्फ कूटनीतिक है, बल्कि राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरने वाला है।
भारत ने तुरंत प्रभाव से पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और औपचारिक विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थक देश साबित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र, G20 और BRICS जैसे मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की रणनीति बनाई गई है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ चल रहे व्यापारिक संबंधों पर पुनर्विचार करते हुए Most Favoured Nation (MFN) का दर्जा हटाए जाने की बात दोहराई है। इसके साथ ही पाकिस्तान से आने वाले आयात पर भारी शुल्क लगाया गया है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
सरकार ने सिंधु जल संधि पर पुनः विचार करने के संकेत दिए हैं। जल संसाधन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के बीच समन्वय कर एक समिति गठित की गई है, जो संधि के तहत भारत को मिलने वाले जल संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने की योजना पर काम करेगी। यह कदम पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ और फायरिंग के जवाब में भारतीय सेना को LOC पर “फुल फ्री हैंड” दे दिया गया है। सीमा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं और आतंकियों की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए ड्रोन और सैटेलाइट सर्विलांस बढ़ाया गया है।
भारत सरकार ने आतंकी संगठनों के साइबर नेटवर्क और सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एक विशेष टीम गठित की है। यह टीम पाकिस्तान से संचालित होने वाले “ट्रोल नेटवर्क्स”, फंडिंग चैनल्स और आतंकी विचारधारा फैलाने वाले अकाउंट्स को ट्रैक कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि “भारत अब पुरानी नीति पर नहीं चलेगा। जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा, जो पाकिस्तान समझता है।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले किसी भी देश को अब वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर दिया जाएगा।
सरकार का यह सख्त रुख केवल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि देश के भीतर भी एक मजबूत संदेश है कि आतंक के खिलाफ भारत की नीति अब ‘एक्शन फर्स्ट’ पर आधारित है।