जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मौन रखकर संवेदना व्यक्त की। यह श्रद्धांजलि समारोह आतंक के खिलाफ एकजुटता और पीड़ितों के प्रति देश की संवेदनशीलता को दर्शाता है। सरकार ने फिर दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने देश को गहरे शोक में डाल दिया है। इस दुखद घटना में जिन निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एक विशेष कार्यक्रम में मौन धारण कर उन्हें अंतिम विदाई दी। यह मौन न केवल एक संवेदनात्मक प्रतीक था, बल्कि आतंक के खिलाफ देश की एकजुटता और संकल्प को भी प्रतिबिंबित करता है।
समारोह के दौरान दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि देश इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है। अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि सरकार इस हमले के पीछे जिम्मेदार आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं, और उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, सुरक्षाबल और आम नागरिक शामिल थे। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में आवाज़ बुलंद की।
वी.के. सक्सेना ने कहा, “देशवासियों को एकजुट रहकर इस प्रकार की घटनाओं का सामना करना होगा। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इस लड़ाई में हमें हर कीमत पर इंसानियत की रक्षा करनी होगी।”
श्रद्धांजलि सभा के बाद मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में कोई ढील नहीं देगी। उन्होंने संकेत दिया कि सुरक्षा बलों को फ्री हैंड दिया गया है और सभी संभावित ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार मिलकर खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने और आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहे हैं।
इस श्रद्धांजलि सभा में आम जनता की भारी भागीदारी ने साबित किया कि पूरा देश पीड़ितों के परिवारों के साथ है। सोशल मीडिया पर भी #PahalgamAttack और #TributeToVictims जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं, जिसमें लोग अपने संदेश और समर्थन साझा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि आम नागरिक भी आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार और सुरक्षाबलों के साथ खड़े हैं।
पहलगाम में हुई यह दर्दनाक घटना भले ही आतंकियों की कायरता को दर्शाती हो, लेकिन देश की एकता, सहानुभूति और संकल्प ने यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी चुनौती का डटकर सामना करने में सक्षम है। अमित शाह और वी.के. सक्सेना का यह मौन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि उन सभी भारतीयों की आवाज़ थी जो आतंकवाद के विरुद्ध एक सशक्त भारत की कल्पना करते हैं।