जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बर्बर हमले की निंदा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दोषियों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार को कड़ी नीति अपनाकर आतंक के जड़ तक पहुंचना होगा।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “यह न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है, बल्कि कश्मीर की शांति को बिगाड़ने की एक सोची-समझी साजिश है।”
महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार और विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि इस जघन्य कृत्य के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि यह वक्त है जब केंद्र को अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल करना चाहिए, ताकि घाटी में स्थायी शांति स्थापित की जा सके।
महबूबा मुफ्ती ने इस हमले में मारे गए पर्यटकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “कश्मीर की सरज़मीं पर इस प्रकार की हिंसा दुखद है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक और मनोवैज्ञानिक सहायता की मांग भी की।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को इस समय एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था में चूक हो रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य प्रशासन से अनुरोध किया कि वे कश्मीर घाटी में सुरक्षा को लेकर व्यापक रणनीति तैयार करें, ताकि आम नागरिक और पर्यटक सुरक्षित महसूस कर सकें।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “कश्मीर आतंकवाद से बहुत पीड़ित हो चुका है। अब और नहीं। हमें स्थायी समाधान चाहिए, जो सिर्फ बंदूक से नहीं, बल्कि संवाद और न्याय के माध्यम से आ सकता है।”
महबूबा ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर सरकार आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहती है, तो उसे सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, कार्रवाई करनी होगी।” उन्होंने घाटी में सिविल और खुफिया नेटवर्क को और मज़बूत करने की अपील की ताकि आतंकी गतिविधियों पर पहले ही रोक लगाई जा सके।