जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस दुखद घड़ी में पूरा देश एकजुट है और वे आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमलों के खिलाफ सरकार को सख्त और निर्णायक कदम उठाने चाहिए। टिकैत ने आतंक के खिलाफ एकता का संदेश दिया।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद जहां पूरे देश में आक्रोश है, वहीं समाज के विभिन्न वर्गों से सरकार को समर्थन मिल रहा है। इस सिलसिले में किसान नेता राकेश टिकैत ने भी आतंक के खिलाफ सरकार का समर्थन करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “देश की एकता और अखंडता से बड़ा कुछ नहीं होता। हम सभी किसान, सरकार के साथ खड़े हैं और आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए हर सख्त कदम का समर्थन करते हैं।”
राकेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आतंकी हमले में कई निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, और सरकार पर तीव्र कार्रवाई का दबाव है। टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह हमला सिर्फ कश्मीर या पहलगाम पर नहीं, बल्कि पूरे भारत की आत्मा पर हमला है। उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि यह समय राजनीति से ऊपर उठने और एकजुट होने का है।
टिकैत ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाना जरूरी है जो देश की शांति को भंग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “जिन्हें लगता है कि आतंक से भारत डर जाएगा, वे भ्रम में हैं। हमारी सेना, हमारी सरकार और हमारे नागरिक पूरी तरह से तैयार हैं।” उन्होंने सुरक्षा बलों के पराक्रम की भी सराहना की और कहा कि देश को अपनी सेना और सुरक्षा एजेंसियों पर पूरा भरोसा है।
राकेश टिकैत ने कहा कि देशभर के किसान संगठन आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ हैं और जो भी जरूरत होगी, वे हर प्रकार का सहयोग देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश में जब भी संकट आता है, किसान सबसे पहले खड़ा होता है — चाहे वह सीमा पर जवान के रूप में हो या संकट के समय मदद करने वाला नागरिक।
टिकैत ने इस बात पर विशेष बल दिया कि पहलगाम का यह हमला केवल एक स्थान विशेष का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत पर किया गया एक घातक वार है। उन्होंने कहा, “देश की अखंडता से खेलने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब देना जरूरी है। अब समय है कि हम एकजुट होकर दिखाएं कि भारत आतंक से नहीं डरता।”
टिकैत के इस बयान को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिला है। कई यूज़र्स ने उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के प्रति भावना की सराहना की है। आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों तक, सभी ने माना कि ऐसे समय में जब देश पर हमला हुआ है, जनआंदोलनों और नेताओं का एक सुर में बोलना बेहद ज़रूरी है।