AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो के सिंधु नदी में खून बहने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने भुट्टो के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इस तरह की बातें नफरत को बढ़ावा देती हैं। ओवैसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसे उकसावे भरे बयानों पर सख्त प्रतिक्रिया की मांग की।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा हाल ही में दिए गए बयान ने एक बार फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। भुट्टो ने सिंधु नदी को लेकर कहा कि “अगर भारत ने कोई कार्रवाई की, तो नदी में खून बहेगा।” इस विवादास्पद बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा, “क्या भुट्टो को पता भी है कि वह क्या कह रहे हैं?” उन्होंने भुट्टो के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि इससे केवल क्षेत्र में तनाव और नफरत बढ़ेगी।
ओवैसी ने साफ कहा कि इस तरह की भड़काऊ भाषा किसी भी सभ्य देश के नेता को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा सिंधु जल संधि का पालन किया है और पाकिस्तान को भी जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि दुनिया पहले ही युद्ध, आतंकवाद और नफरत से जूझ रही है, ऐसे में भुट्टो जैसे नेताओं द्वारा इस तरह के उकसावे भरे बयान देना बेहद खतरनाक है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वे ऐसे बयानों पर सख्त संज्ञान लें।
ओवैसी ने आगे कहा, “भारत एक शांति प्रिय देश है और हम किसी भी तरह के उकसावे का जवाब संयम और मजबूती से देना जानते हैं। लेकिन पाकिस्तान को समझना चाहिए कि अब 1947 का समय नहीं है। आज का भारत हर मोर्चे पर मजबूत है।”
ओवैसी ने कहा कि भारत ने सिंधु जल समझौते को हमेशा एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व के रूप में निभाया है। इसके बावजूद अगर पाकिस्तान के नेता इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं तो यह उनकी राजनैतिक हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी नीतियों में कोई ढील नहीं देनी चाहिए और हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
ओवैसी ने इस मुद्दे पर सभी भारतीय नेताओं से आग्रह किया कि इस संवेदनशील मामले में राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाएं। उन्होंने कहा कि चाहे वे विपक्ष के हों या सत्ता पक्ष के, इस तरह के उकसावे के खिलाफ सबको एक स्वर में बोलना चाहिए ताकि दुनिया को भारत की एकता का संदेश मिले।
भुट्टो के इस बयान ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान की राजनीति में उकसावे और भड़काऊ बयानबाजी का कितना स्थान है। वहीं, ओवैसी जैसे भारतीय नेता यह स्पष्ट कर रहे हैं कि भारत किसी भी उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेगा और संयम के साथ मजबूती दिखाएगा।